शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक दिवसीय वेबिनार आयोजित
शि.वा.ब्यूरो, मेरठ। शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) के तत्वाधान में "नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में नवाचार व उधमिता की संभावनाएं" विषय पर गूगल मीट एप पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया । महाविद्यालय के आईआईसी प्रेसिडेंट डॉ. रविंद्र कुमार ने वेबिनार मे जुड़े सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तंन किया।
वेबिनार में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अंजू सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के युवाओं के लिए है जिनमें अपार क्षमता है, बस जरूरत है उनकी प्रतिभा को समझ कर उन्हें सही मार्गदर्शन देने की जिससे वह आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे सकें। वेबिनार की मुख्य वक्ता काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर भदोही के वनस्पति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रश्मि सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगार करने वाले व्यक्ति ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं। इसके अंतर्गत बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ ऑनलाइन इनोवेशन फील्ड में जाने के लिए तैयार हो जाएंगे, साथ ही एन.आर.एफ. भी उच्च शिक्षा में रिसर्च करने का अवसर प्रदान करता है । उन्होंने पीपीटी के माध्यम से अपने निर्देशन में इनोवेशन कर रहे छात्रों की डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी किया। वेबिनार की दूसरी वक्ता शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय माधव पुरम , मेरठ के अर्थशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भारती दीक्षित रही। उन्होंने बताया कि प्राचीन भारत में बाहरी आक्रांताओ ने यहां की शिक्षा नीति को नुकसान पहुंचाया है और अपनी शिक्षा नीति हमारे ऊपर थोप दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश का पवित्र ग्रंथ गीता में हर समस्या का समाधान है । उन्होंने कहा कि भारत आज शिक्षा पर कुल जी.डी.पी. का केवल 1.7 प्रतिशत खर्च करता है जबकि इजरायल जैसा छोटा सा देश आई.एन.डी. पर 16% खर्च करता है। उन्होंने बच्चों में इनोवेशन की मौलिकता पर जोर दिया तथा कहा कि मौलिक कार्य ही हमें पहचान दिलाते हैं ।
महाविद्यालय के आईआईसी प्रेसिडेंट डॉ. रविंद्र कुमार ने कहा कि भारत के शिक्षण संस्थानों में अभी तक परंपरागत शिक्षा दी जाती थी तथा अध्ययनोपरांत रोजगार प्रारंभ करने के लिए अलग से ट्रेनिंग लेनी होती थी । किंतु नई शिक्षा नीति 2020 के द्वारा नए-नए रोजगारपरक कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं जिससे सरकार ने आने वाले 15 वर्षों में आत्मनिर्भर भारत बनने का लक्ष्य रखा है। वेबीनार की संचालिका तथा आई.आई.सी. संयोजिका डॉ. पूनम भंडारी ने कहा कि महाविद्यालय में नवोन्मेष केंद्र का उद्देश्य विद्यार्थियों की रचनात्मकता व नवाचार को प्रोत्साहित कर उन्हें स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है। आई.आई.सी. एंटरप्रेन्योरशिप कोऑर्डिनेटर डॉ. अनीता गोस्वामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के युवाओं के लिए है जिनमें अपार क्षमता है बस जरूरत है उनकी प्रतिभा को समझकर उन्हें सही मार्गदर्शन देने की, जिससे वे आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे सकें।
वेबिनार के अंत में डॉ. अनीता गोस्वामी ने वेबीनार में सहयोगी रहे डॉ. भारती शर्मा, डॉ. मंजू रानी, डॉ. मोनिका चौधरी, डॉ.लता कुमार तथा डॉ. भावेश कुमार तथा छात्राओं में कु०शिखा, कविता, बिटटो, अनु, दीपिका, ईशा, अंशु, कनक, डोली समेत महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों एवं छात्राओं का धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।
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