अमजद रजा, ककरौली। जानसठ सुरक्षित सीट से दो बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक रहे सुरेश तितौरिया का बडबोला उस समय सामने आया, जब वे जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर अपनी समस्या का समाधान कराने पहुंचे थे। उन्होने समाधान दिवस में अपनी समस्या रखने से पहले वहां मौजूद तहसीलदार अभय कुमार पांडे को ऐसे अफसरों को वे थप्पड़ मारकर ठीक कर देते हैं। विवाद बढ़ने पर कोतवाली निरीक्षक डीके त्यागी ने बीचबचाव कराया और मामले को और अधिक बिगड़ने से रोका। जब जिलाधिकारी पूर्व विधायक व तहसीलदार के बीच हुए विवाद को सुन रहे थे तो कुछ पत्रकारों ने मामले को कवरेज करने की कोशिश की तो डीएम ने उन्हें धमकाते हुए बाहर निकलवा दिया। बाद में डीएम ने फरमान जारी कर दिया कि कोई भी पत्रकार संपूर्ण समाधान दिवस में अंदर आकर कवरेेज नहीं करेगा। पत्रकारों ने जिलाधिकारी के इस फरमान का विरोध जताया है।
बता दें कि आज तहसील जानसठ के सभागार में जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। भाजपा के दो बार विधायक रहे पूर्व विधायक सुरेश तितौरिया दो साल से लम्बित मामले की शिकायत करने तहसील पहुचे थे। उन्होंने अफसरों पर हीलाहवेली का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ अफसर सूबे की भाजपा सरकार को बदनाम करने में लगे हुए हैं। उसी समय वहां मौजूद तहसीलदार अभय कुमार पांडे को देखकर वे आपे से बाहर हो गये और उन्होंने तहसीलदार को जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होंने खुलेआम तहसीलदार को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे अफसरों को थप्पड़ मार कर ठीक कर देते हैं। कोतवाल डीके त्यागी ने बामुश्किल बीच-बचाव कराया। सारा वाकया उस समय हुआ जब तहसील सभागार में जिलाधिकारी चंद्र भूषण व एसएसपी अभिषेक यादव सभागार कक्ष में समस्याएं सुन रहे थे।
पूूर्व विधायक सुरेश तितौरिया ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु करीब दो साल पूर्व हो गयी थी। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने पिता की वसीयत के अनुसार उन्होंने प के 11 के तहत नाम दर्ज कराने के लिए ससमय आवेदन कर दिया था। पूर्व विधायक ने बताया कि वे चार भाई है और मैने अपना हिस्सा अपने तीनों भाईयों के नाम करने के लिए ही वसीयत तैयार कराई थी। उन्होंने बताया कि दो साल से धक्के खाने के बावजूद तहसीलदार अभय कुमार पांडे विरासत में गलत नाम चढा दिये, जिन्हें ठीक कराने के लिए व दो साल से चक्कर काट रहे हैं। तहसीलदार का कहना है कि उन्होंने वारिस के आधार पर सब के नाम चढाये हैं। पूर्व विधायक ने बाद में डीएम से मिलकर सारी बाते बताई तो उन्होंने उनकी समस्या का समाधान शीघ्र कराने का आश्वासन दिया।