कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना


डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

आज सुबह एक फ़्रेंड से बात हुई, उसने बोला तेरे वट्सऐप स्टेट्स में तेरे आर्टिकल देख कर बोर हो गये हैं। वह बोला तूने क्या अख़बार ख़रीद रखे हैं, जो हर अख़बार में छपती है। थोड़ी देर बाद एक सहेली से बात हुए उसने पूछा, और मिली अब किस विषय पर लिख रही है। में बोली लोग परेशान हैं, मेरे आर्टिकल छपने से। वो भी यही बोली उसको भी कोई कह रहा था कि मिली के कॉंटैक्ट्स हैं, जो मिली के इतने आर्टिकल पब्लिश होते हैं। मैं बोली हैं ना मेरे पापा के कॉंटैक्ट्स, तभी तो भेजती हूँ, तभी तो छपती हूँ। फिर थोड़ी देर बाद एक और सहेली से बात हुईं, उसे अपनी बात बताई तो वो बोली एक काम कर उन लोगों पर ही आर्टिकल लिख दे, जिन्हें इतनी दिक़्क़त हो रही है। अब इस आर्टिकल के माध्यम से में उन लोगों को कहना चाहती हूँ कि जिन्हें भी मेरे आर्टिकल से प्रॉब्लम है, वो मुझे ख़ुशी से ब्लॉक कर सकते हैं। मेरा नम्बर डिलीट कर सकते हैं, फ़ेसबुक में भी अनफ़्रेंड और अनफोलो कर सकते हैं, क्यूँकि यह तो शुरुआत है, मेरी लेखनी अब बंद नहीं होगी। कुछ लोगों की यही दिक़्क़त है, कुछ अच्छा काम आप करे, तो भी उनको दिक़्क़त होती है। 100 में से 5 ही लोग ऐसे होंगे, जो आपको मोटिवेट करेंगे। उन लोगों का शुक्रिया जो कला कि कद्र करते हैं।

 

रावतभाटा, राजस्थान

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