शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। विश्व प्रख्यात शिक्षाविद् एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गाँधी ने पत्र के माध्यम से अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उमीदवार जो बाइडेन एवं उप राष्ट्रपति पद की उमीदवार कमला हैरिस से यह अपील की है कि "आज अमेरिका को एक ऐसे राष्ट्रपति की आवश्यकता है, जो दुनिया से अलग नहीं चलेगा, बल्कि सभी देशों का नेतृत्व कर विश्व में एकता, शांति एवं समृद्धि कि स्थापना के लिए वर्ल्ड पार्लियामेंट का निर्माण करेगा।" डॉ. गाँधी ने जो बाइडेन से यह अपेक्षा है कि वह यदि अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो शीघ्र-अतिशीघ्र सभी प्रभुसत्ता सम्पन्न राष्ट्रों की बैठक बुलाकर एक वर्ल्ड पार्लियामेंट का निर्माण करें ताकि संसार के समस्त 7.5 अरब लोगों तथा आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
उक्त जानकारी हेड इंटरनेशनल रिलेशन्स सीएमएस शिशिर श्रीवास्तव ने देते हुए बताया कि डॉ जगदीश गाँधी ने अपने पत्र के माध्यम से जो बाइडेन एवं कमला हैरिस से यह अनुरोध किया है कि वह सिर्फ अमेरिका ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के विषय में सोचें तथा विश्व एकता और शांति लाने के लिए काम करें। डॉ. जगदीश गाँधी ने कहा कि अमेरिका के तीन राष्ट्रपतियों ने विश्व एकता एवं विश्व शान्ति को स्थापित करने के लिए तीन सफल प्रयास किये थे। सर्वप्रथम अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 1919 में 42 राष्ट्रों की मीटिंग बुलाकर लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की जिससे कि प्रथम महायुद्ध समाप्त हुआ। द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूज्वैल्ट ने 1945 में 51 राष्ट्रों की मीटिंग बुलाकर यूनाइटेड नेशन्स (UNO) की स्थापना की, जिससे कि द्वितीय विश्व महायुद्ध रूका तथा तृतीय, अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने मार्शल प्लान के माध्यम से 13 बिलियन डॉलर्स की आर्थिक सहायता द्वारा 28 देशों की यूरोपियन यूनियन व यूरोपियन पार्लियामेन्ट बनी जिससे यूरोपियन युद्ध रूक गया एवं यूरोप का आर्थिक विकास सम्भव हो पाया। डॉ. जगदीश गाँधी ने पूर्व विश्व नेताओं का उदाहरण देते हुए विश्व एकता स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति पद के उमीदवार जो बाइडेन और कमला हैरिस की प्रतिबद्धता की सराहना की और उनसे आग्रह किया है कि चुनाव जीतते ही वे विश्व के सभी लीडर्स की एक बैठक बुलाकर विश्व एकता स्थापित करने हेतु वर्ल्ड पार्लियामेंट कि स्थापना करें, ताकि दुनियाँ के 2.5 अरब बच्चों और आगे जन्म लेने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित हो सके।