निक्की शर्मा "रश्मि", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अपने बढ़ते बच्चों को देखकर जितनी खुशी होती है उतनी ही चिंता भी होती है,खासकर बेटी के लिए। अपनी बेटी को कब और किस तरह से हम सारी जानकारी दें, उसके मन में उमड़ रहे सवालों का जबाब दें, उसकी शंका को कैसे दूर करें ऐसे बहुत से सवालों से हम जूझते रहतें हैं। ये सवाल हर माँ के मन में उठता है। बेटियों के शारीरिक , मानसिक बदलावों के साथ किस तरह उसका परिचय करायें। जब बेटी बड़ी होती है तो ये बदलाव माँ को खुशी भी देती है और डर भी। कई शारीरिक बदलाव के साथ उसका हार्मोनल बदलाव, दूसरों के प्रति आर्कषण, अच्छे और बुरे लोगों से सामना ऐसी हर बातों से अवगत हमें अपनी बेटी को कराना होगा। हाँलाकि सारी जानकारी उसे दोस्तों से मिलती है और कुछ टेक्नोलॉजी से भी वो ढूँढ लेते हैं पर हम माँजिस तरह जिस प्यार और स्नेह से हम उसे बतायेंगे वो टेक्नोलॉजी तो नहीं दे सकती। जिस प्यार भरी हाथों को उसके सिर पर फेर कर हम उसे आने वाले दिनों का परिचय करायें वो उसे एक टेक्नोलॉजी तो नहीं दे सकती । वो एहसास सिर्फ़ एक माँ ही दे सकती है।
आजकल बहुत सी माँ कह देती हैं कि आजकल के बच्चे सब समझते हैं उसे सारी बातें पता होती हैं, हमें बतानें की नहीं जरूरत पर यही गलती हो जाती है। हमारी सोच गलत है यहाँ। बातें तो उन्हें पता होती हैं पर अधकचरा मतलब आधा अधूरा । जी हाँ सारी बातें वो नहीं समझ पातीं हैं जितना कि हम या आप उसे समझा पाएँगे।
माँ तो माँ होती है अपने बच्चों को वो ही अच्छे से समझती है उसे कौन सी बात किस तरह समझानी है उसे अच्छे से पता होता है। माँ बेस्ट फ्रेंड बन जाती है बढ़ती बेटी की बस थोड़ी समझदारी से। माँ से बेहतर कोई दोस्त नहीं होता अच्छे बुरे सब की समझ हम माँ ही बेहतर ढंग से समझा सकते हैं इसलिए अपनी बढ़ती बेटी को अपने प्यार,अपनापन ,अपने हाथों का स्पर्श देकर उसे आने वाले बदलावों की जानकारी खुलकर दें।
आप बस आगे बढ़कर उसे अपना बेस्ट फ्रेंड बना लें हर बात वो खुलकर कहेगी और आपसे सलाह भीलेगी।जरूरत है आप के प्यार और स्पर्श की। अपने अंदर उठते सवालों को पूछ पाएगी फिर देखिए आपस बस अनमोल माँ और सबसे अच्छी दोस्त बन जाएँगी अपनी बढ़ती बेटी की। आप हर लम्हा हर जरूरतमें उसके साथ होगीं और कोई परेशानी उसे छू भी नहीं पाएगी क्योंकि उसके साथ होगी उसकी बेस्ट फ्रेंड उसकी माँ और केवल उसकी माँ।
मुंबई, महाराष्ट्र