असंगठित रहने के कारण पिछडों और दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार

कूर्मि कौशल किशोर आर्य, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

         मित्रों! पिछडे और दलित समाज के जातीय सामाजिक संगठनों के आपस में असंगठित और मतभेद रहने के कारण पिछले कुछ वर्षों से इन पर अत्याचार और अन्याय बढ़ चुके है, पर यह जातियों के संगठनों के पदाधिकारी अहंकार में अपनी कमी को दूर करने की कोशिश बिल्कुल नहीं कर रहें हैं, जिसका फायदा सवर्ण मानसिकता व आपराधिक प्रवृति के लोग उठा रहे हैं। आखिर कब तक ऐसे चलता रहेगा? कब तक आपस में असंगठित रहकर हमलोग दुश्मन के शिकार बनते रहेंगे? आईए! हम पिछडे और दलित समाज के लोग आपसी सारे गतिरोध भूलाकर समाज और देश में फैले अपराधियों को कठोर सजा दिलाने की कोशिश करके अपनी मान मर्यादा को बचाने की पूरजोर कोशिश करे और आपस में संगठित होकर एक दूसरे की मदद करके दुश्मन के खिलाफ शंखनाद करें।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश,समेत अन्य राज्यों में कूर्मि समेत अन्य पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोगों पर सवर्ण जाति के आपराधिक प्रवृति के लोगों द्वारा लगातार विभिन्न तरह के अत्याचार और अन्याय किये जा रहे हैं, पर स्थानीय नेता, जनप्रतिनिधि, प्रशासन, सरकार यहाँ तक कि केन्द्र सरकार भी पीड़ित परिवार को न्याय और अपराधियों को कठोर सजा दिलाने की कोशिश नहीं कर रही है, जिस कारण असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर मामले में तो उल्टा अपराधियों द्वारा ही प्रशासन और सरकार में बैठे लोगो की मदद से पीड़ित परिवार को ही हैरान, परेशान और तरह तरह से प्रताड़ित किये जा रहे हैं। 

बिहार के सिवान जिला के नौतन थाना के गम्भीरपुर गाँव में 31मार्च 2019 को अपराधी चंदन पाण्डेय ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कूर्मि समाज की 18 वर्ष की बेटी रिंकी कुमारी की गला रेतकर हत्या करके पास गेहूँ के खेत में फेंक दिया था। रिंकी कुमारी की माँ तेतरी देवी के शिकायत पर नौतन थाना पुलिस ने 1 अप्रैल 2019 को चंदन पाण्डेय के खिलाफ हत्या की धारा 302 के तहत केस दर्ज हुआ, पर 18 महीने बीत जाने के बाद भी बिहार के नौतन पुलिस हत्यारा चंदन पाण्डेय को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। नौतन पुलिस, डीएसपी, एसपी सिवान और डीजीपी बिहार से पत्र लिखकर और फोन पर बातचीत करके पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और अपराधियों को कठोर सजा दिलाने की मांग की गई, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुनः 27 सितंबर 2020 को अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा की ओर से राष्ट्रीय महासचिव आरएस कनौजिया द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीजीपी, महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पत्र लिखकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और अपराधियों को कठोर सजा दिलाने समेत पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग की गई है।