प्रणव भास्कर तिवारी, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
विजेता प्रीतम अपनी आवाज एवं अंदाज से दुनिया के शिखर पर अपने गाने का परचम लहराने वाली संघर्षशील एवं सबकी चहेता हैं। विजेता प्रीतम रात आठ से दस बजे तक गाना गाने का अभ्यास करती है। ये सुबह चार बजे ही उठ जाती है। खाने-पीने की शौकीन विजेता प्रीतम बहुत स्वादिष्ट भोजन बनाती है। ये आलू पराठे और समोसे बहुत ही बढ़िया बनाती हैं। सुबह ये पढ़ने जाती है। फिर दिन भर अपनी सहेलियों के साथ मस्ती करती है।
बिहार निवासी विजेता प्रीतम बताती है कि थोड़े से अभ्यास से कोई भी व्यक्ति गाने को अपनी आवाज दे सकता है, इसके लिए पहले कुछ दिन गानों को केवल सुनना चाहिए, फिर उसे साथ- साथ गुनगुनाना चाहिए। फिर किसी भी गाने को गाने में झिझक नहीं होगी। सोशल मीडिया पर लाइव शो में गाकर अपना लोहा मनवा चुकी विजेता प्रीतम उन तमाम लड़कियों की आदर्श है जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी रुचि को भी महत्व देती है। विजेता प्रीतम बागवानी का भी शौक रखती है। घर के अगल- बगल विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे लगा रखे हैं।
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
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