ताज के सामने


प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

ताज के सामने ,
छाते में ,
दुकान सजाए बैठा है।

वह एक आम आदमी है।
हर किसी के ,
सपने को खास बनाए बैठा है।

ताज के सामने ,
छाते में दुकान से सजाए बैठा है।

तस्वीरें बनाता है ।
ताज के साथ सबकी,
वह सब की,
एक खूबसूरत,
यादगार सजाए बैठा है।

वाह री कुदरत
जिंदगी की हकीकत
मौत कब्र में सोई है ।
जिंदगी छाते के नीचे ,
अपनी दिहाड़ी के लिए रोई है।

नालागढ, हिमाचल प्रदेश प्रदेश 


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