दिलीप भाटिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
नवंबर 2019 में तीन सप्ताह के लिए स्वास्थ्य में सुधार हेतु जलवायु परिवर्तन के लिए बहन के घर नाथद्वारा जाना हुआ था। उसी स्थान पर जीजाजी द्वारा संचालित सनराइज एकेडमी सीनियर सैकंडरी स्कूल के विद्यार्थियों से समय एवम् परीक्षा प्रबंधन पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर विद्यालय की प्राचार्य शिप्रा भाटिया एवम् निदेशक राजदीप भाटिया ने प्रदान किया। परमाणु ऊर्जा विभाग से सेवानिवृत्ति के पश्चात कई शिक्षण संस्थानों में मोटिवेशनल व्याख्यान देना मेरे स्वभाव में है।
इस विद्यालय में अलग अलग ग्रुप में बच्चों से बात की। बच्चों ने कई प्रश्न भी पूछे। अपनी आदत के अनुसार प्रत्येक मोटवशनल व्याख्यान में अपना मोबाइल नंबर भी देकर आता हूं, ताकि बच्चे मुझसे बाद में भी संपर्क कर सकें। रावतभाटा घर आने के बाद भी परीक्षा से पूर्व विद्यालय के कई बच्चों ने संपर्क किया व बोर्ड परीक्षा परिणाम में सफलता की खुशियां भी मुझ से शेयर कर भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया। विद्यालय के कई टीचर्स एवं बच्चों के कई अभिभावक फेसबुक एवम् वॉट्सएप पर मुझ से जुड़ गए हैं। विद्यालय के कक्षा 10 एवम् 12 के शानदार प्रदर्शन से मुझे भी सुखद अनुभूति हुई है कि बच्चों ने मेरे बतलाए टिप्स को अपनाकर सफलता प्राप्त की। बच्चों की मेहनत एवम् टीचर्स की समर्पित सेवा तो है ही जिसकी प्रशंसा के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। आज विद्यालय की प्रिंसिपल मैडम शिप्रा भाटिया के जन्मदिन पर इस संस्मरण के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त करते उन्हें जन्म दिन की बधाई एवम् शुभकामना प्रेषित कर रहा हूं। रिश्ते में वह मेरी बेटी है, इसलिए धन्यवाद की फॉर्मेलिटी तो नहीं कर पा रहा हूं। सनराइज एकेडमी स्कूल सूर्य के समान प्रकाश देता रहे यही इस संस्मरण के लेखक दिलीप की दिल से शुभकामना है।
सेवानिवृत्त परमाणु वैज्ञानिक रावतभाटा राजस्थान
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