शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव शर्मा के कुशल निर्देशन में कोविड-19 के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद व सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से डीएवी डिग्री कालेज में ‘महिलाओं व लडकियोें की आत्म रक्षा के उपाय व तकनीक’ से सम्बन्धित विषय पर विधिक सारक्षता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सलोनी रस्तोगी द्वारा उपस्थित महिलाओं-लडकियोे को बताया गया कि जिम्मेदारी है कि लडकियों-महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का विभेद न हो, जिससे वह स्वयं को किसी भी प्रकार से कमजोर महसूस न करे। स्र्माट स्ट्रेटेजी के तहत आत्म रक्षा में तीन बाते आती है अवाईडन्स, अवेयरनेस तथा प्रीवेनेशन, शारीरिक आत्म रक्षा के अन्तर्गत मार्शल आर्ट, जूडो कराटे, नियमित योगा, व्यायाम आदि सिखना व करना चाहिए। आत्म रक्षा को एक विषय के तोर पर पढाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपनी आत्म रक्षा में हमलावर या अपराध करने वाले कोई हानि पहुचाता है तो इसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 96 से 106 के अन्तर्गत संरक्षण प्राप्त होता है, परन्तु आत्म रक्षा में प्रयोग किया गया बल अनुपातिक होना चाहिए, जितना आत्म रक्षा के उद्देश्य से आवश्यक है तथा उनके द्वारा उपस्थित समस्त आम जनमानस को उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एवमं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ0 शशि शर्मा, पुलिस अधीक्षक अपराध दूर्गेश कुमार सिंह, महिला थानाध्यक्ष मोनिका चौधरी, डा0 ओमदत्त, डा0 योगेश कुमार व एसआई सीमा भी उपस्थित रही।
महिलाओं-लडकियोें की आत्म रक्षा के उपाय व तकनीक विषय पर विधिक सारक्षता शिविर आयोजित