शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। कोविड-19 काल में तेज बोलना, तेज खांसना या तेज छीकना खतरनाक साबित हो सकता है। कोविड-19 का संक्रमण मुंह से निकलने वाले ड्रॅापलेट्स से फैलता है। तेज बोलने या तेज हंसने से ड्रॉपलेट्स दूर तक जाते हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति के ड्रॅापलेट्स दूर तक जाएंगे तो यह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण चोपड़ा ने बताया हर व्यक्ति के लिए मास्क बेहद जरूरी है। इससे खुद का तो बचाव होता ही है साथ ही वायरस फैलने को भी रोका जा सकता है। तेज बोलने और तेज हंसने से मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स (छोटी-छोटी बूंद) पांच गुना ज्यादा निकलते हैं और दूर तक जाते हैं। इसलिए मास्क का इस्तेमाल बेहद आवश्यक है। खांसते-छीकते या बोलते समय गमछे, रूमाल आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है। जो व्यक्ति घर पर बने मास्क का इस्तेमाल करते हैं उन्हें धोकर अच्छे से सुखाकर इसका दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए।
इंडियन मेडिकल ऑफ रिसर्च काउंसिल की गाइडलाइन में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि बोलते वक्त लार की अति सूक्ष्म बूंदें एरोसॉल बनकर निकलती हैं। यदि व्यक्ति संक्रमित है तो इन बूंदों के साथ वायरस भी बाहर निकलता है और दो मीटर के दायरे में आने वाले व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है।
इन बातों का करें पालन
1. छीकते या खांसते वक्त रूमाल-गमछा या टिश्यू पेपर का प्रयोग करें,
2. सोशल डिस्टेंस का पालन अवश्य करें,
3. मास्क अवश्य लगाएं,
4. छीकते या खांसते वक्त नाक व मुंह को बिलकुल न छूएं,
5. हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथ साफ करें
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