डॉ अवधेश कुमार 'अवध', शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
चिड़िया बोलती है
केवल दो ही भाषा
एक प्यार की
दूजा बेबसी की
जबकि जानती है एक और भाषा
गुस्से की भी
मगर
बोल नहीं सकती
क्योंकि
मनुष्य प्रकृति-भक्षी हो गया है
साथ ही सर्वभक्षी भी
इसलिए नन्हीं चिड़िया
कुछ बेबसी दिखाती है
कुछ प्यार जताती है
और इन्हीं दो भाषाओं के साथ
अल्प जीवन जीती है
कुछ अच्छे की आस लिए
अकाल मरती है
काश! सीख लेता मनुष्य भी
सिर्फ और सिर्फ
प्यार की भाषा।
मैक्स सीमेंट, नांगस्निंग, ईस्ट जयन्तिया हिल्स
मेघालय
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