अशोक काकरान, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
बाबा हिस्ट्रीशीटर भी रहे, पूर्वी दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर बताए जाते हैं। हिस्ट्रीशीटर मतलब छोटे बड़े सारे गुनाहों का पूरा हिसाब किताब पुलिस के पास दर्ज है। बहुत जो मुकदमे दर्ज हैं, उनमे अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे केस शामिल हैं। बाबा बनने से पहले अपराधी बने। अपराधी बनने से पहले व्यापारी बने। बनते-बनते किस्मत इतनी बनी कि दुनिया भर में झंडा ही गाड़ दिया। जो पुलिस पहले बाबा की तलाश में भागदौड़ में लगी रहती थी, वही पुलिस बाबा के करोड़ो रूपये कीमत के गहनो के साथ साथ बाबा की रक्षा भी करने लगी।
देश भोले जनों से आबाद है। बाबा हो या नेता, लोगो को उसके वर्तमान से मतलब होता है अतीत से नही। देश की संसद में लोगो ने कैसे कैसे प्रतिनिधि भेजे हुए है, सबको पता है। बाबाओ की कहानियों का भी कोई अंत नहीं है। पाप की दुनिया से मन भरा तो धर्म और राजनीति में आपका वेलकम करने के लिए जनता पलके बिछाए खड़ी रहती है। देश मे हजारों लोगों को अपराधी बनने के बाद नेता और बाबा बनकर शानदार जीवन जीते हुए सबने देखा है। दुर्भाग्य है कि जो व्यक्ति कभी बहुत बुरा हुआ करता था, बाद में वो समाज को सुधारने का ठेका ले लिया करता है। समाज भी उसकी महिमा गाने में पीछे नहीं रहता। मित्र कहने लगे, खादी और गेरुवे कपड़ो में कुछ आकर्षण ही ऐसा होता है कि लोगो का मन मोहता चला जाता है।
लिबास इंसान को भगवान जैसा बना देता है और लिबास ही इंसान को शैतान बना देता है। अपने देश मे जिसने भी खादी और गेरुवा वस्त्र पहना, लोगो के लिए महत्वपूर्ण हो गया। प्रभावशाली हो गया। राजनीतिक संसद और धार्मिक संसद में बहुतायत इन्ही लोगो की है जो किसी न किसी रूप से कुख्यात रहे हैं, चर्चित रहे हैं। मित्र ने कहा-अच्छी बात यह है कि व्यक्ति के मरने के बाद उसकी कुंडली भी अखबारों में छप जाती है, जिससे उसकी करतूतों, कारनामो की खबर भी जनता को लग जाती है, वरना बाबा और नेता बने लोगो की जो छवि लोगो के दिलो में बसी होती है, वही आखिर तक भी बसी रह जाया करती।
राजपुरकलां, खतौली (मुज़फ्फरनगर) यूपी
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