श्रीराम काॅलेज में शैक्षिक संस्थानों में आतंरिक गुणवत्ता योजना का निष्पादन विषय पर आयोजित कार्यशाला का छठा दिन, वैधानिक अनुपालन विषय पर हुई चर्चा

 



शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलिजेज में शैक्षिक संस्थानों में आतंरिक गुणवत्ता योजना का निष्पादन विषय पर दो सप्ताह तक चलने वाली ऑनलाईन कार्यशाला का छठा दिन ‘‘वैधानिक अनुपालन’’ से सम्बन्धित रहा। आज के सत्र में श्रीराम काॅलेज ऑफ लाॅ के प्राचार्य डाॅ0 आरपी सिंह ने महाविद्यालय में आन्तरिक गुणवत्ता में सुधार के लिए महाविद्यालय में अनेक गुणवत्तापरक कार्यों के अनेक सैगमैंट खण्डों पर विस्तार से अपने विचार रखे। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय महाविद्यालय देवबन्द के वाणिज्य के विभागाध्यक्ष डाॅ0 मौहम्मद आरिफ रहें।
श्रीराम काॅलेज की प्राचार्य डाॅ0 प्रेरणा मित्तल ने प्रकाशन के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होने बताया कि संस्थान में प्रवेश फार्म, रसीद बुक और पेम्फलेट से लेकर नियमावली इत्यादि का भी प्रकाशन किया जाता है। यह भी संस्थान की कार्य व्यवस्था का अभिन्न अंग है। श्रीराम काॅलेज ऑफ लाॅ के प्राचार्य डाॅ0 आरपी सिंह ने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महाविद्यालय में आन्तरिक गुणवत्ता में सुधार के लिए जहाँ एक ओर पठन-पाठन, खेल-कूद, सेमिनार इत्यादि आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर उतना ही महत्व महाविद्यालय में शिक्षकों व विद्यार्थियों के बीच अनुशासन, महिलाओं की सुरक्षा के साथ साथ रेगिंग एवं अन्य वैधानिक अनुपालनों का है।



उन्होनें कहा कि वैधानिक कार्यवाहियों को पूर्ण करने के लिए न्यायालय, शासन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार कुछ समितियों का गठन प्रत्येक महाविद्यालय को करना होता है। इन सभी समितियों का कार्य विशेषकर वैधानिक कार्यवाही की पूर्ति करना है। सभी समितियाँ अपनी कार्यवाहियों का लिखित ब्योैरा रखती है व समय-समय पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों का पालन करती हैं। इन समितियों में अनुशासन समिति, ऐन्टी रेगिंग समिति, महिला शिकायत प्रकोष्ठ, यौन उत्पीडन विरोधी समिति एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समिति विशेष है।
उन्होने कहा कि महाविद्यालय में उच्च श्रेणी के कोर्स को मान्यता दिलाना व उसका विस्तार कराना, महाविद्यालय में अनुशासन स्थापित करना, रेगिंग जैसे घृणित कार्य को रोकना, महिलाओं को उनकी समस्याओं जैसे अकेलापन, साथियों के साथ मनमुटाव, नई जगह में समायोजित न हो पाना व इसी प्रकार के अन्य कारणों से उत्पन्न समस्याओं के निराकरण कराना, महाविद्यालय में किसी महिला के साथ किसी प्रकार का लैंगिक भेदभाव न हो, आरक्षित श्रेणी के किसी भी व्यक्ति चाहे शिक्षक हो या विद्यार्थी के साथ भेदभाव न हो आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर कार्रवाई के लिए महाविद्यालय स्तर पर इस प्रकार की समितियों का गठन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है, जो सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों की भी पूर्ति करता है। उन्होने बताया कि महाविद्यालय में अनेक पाठयक्रम होने व उनकी गुणात्मक वृद्धि के साथ-साथ, अन्य प्रतिस्पधियों से भी अपना तुलनात्मक अध्ययन आवश्यक है, जो समय की आवश्यकता भी है। भारत सरकार द्वारा इस कार्य के लिए नैक के द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। नैक के अनेक पैरामीटर पर अपने महाविद्यालय और उसके पाठयक्रम का मूल्यांकन व उच्च गे्रड पाने के लिए पाठयक्रम, महाविद्यालय के द्वारा किये गये पाठयक्रमेत्तर कार्य, रिसर्चवर्क आदि के प्रस्तुतिकरण के लिए नैक समिति का भी विशेष महत्व हैं।



डाॅ0 मौहम्मद आरिफ ने शोध एवं प्रकाशन पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होने तकनीकी और अन्य क्षेत्रों में दुनिया भर में हो रहे शोध कार्य का एक माॅडल प्रस्तुत किया। उन्होने बताया कि संस्था का शोध एवं प्रकाशन विभाग संस्था की चालू शोध परियोजनाओं की देख-रेख करता है। शोध दस्तावेजों का प्रकाशन और संगोष्ठियों व व्याख्यानों का आयोजन करता है। उन्होने तकनीकी शोध के प्रकाशन हेतु जर्नल्स के प्रकाशन पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।  
इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज की प्राचार्य डा0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम काॅलेज निदेशक डा0 आदित्य गौतम, श्रीराम काॅलेज ऑफ लाॅ के प्राचार्य डा0 रविन्द्र प्रताप सिंह, श्रीराम गर्ल्स काॅलेज के निदेशक डा0 मनोज धीमान, श्रीराम काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग के निदेशक डा0 आलोक गुप्ता, श्रीराम काॅलेज ऑफ मैनेजमेंट के डीन पंकज शर्मा, श्रीराम काॅलेज के एकेडिमिक डीन डा0 विनित शर्मा, पत्रकारिता एवं जनसंचार के विभागाध्यक्ष रवि गौतम, कम्प्यूटर एप्लीकेशन विभाग के डीन निशांत राठी, प्रोफेसर नीतू सिंह, प्रोफेसर अमित त्यागी, प्रोफेसर प्रमोद कुमार, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के विभागाध्यक्ष विवेक त्यागी, प्रोफेसर पंकज कुमार, वाणिज्य के विभागाध्यक्ष डाॅ0 सौरभ मित्तल, प्रोफेसर डाॅ0 एमएस खान, बेसिक साइंस की विभागाध्यक्ष डा0 पूजा तोमर, प्रोफेसर मनोज कुमार मित्तल, बायोसाइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ0 सौरभ जैन आदि लगभग 90 लोग वेबिनार में उपस्थित रहे। 


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