शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आज श्री राम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज के ललित कला विभाग में दो दिवशीय वर्चुअल कार्यशाला का आरम्भ हुआ। जिसका विषय ’संस्थागत और कला विपणन: प्रभावी कार्यान्वयन, वर्तमान चुनौतियां और भविष्य रहा। आज की कार्यशाला के मुख्य वक्ता अवनीश कुमार सिंह सह संस्थापक-जेस्ट इन्फोटेक, सीईओ और संस्थापक-इवेंट क्राफ्ट लि0) रहे। जूम एप्लिकेशन के माध्यम से आनलाइन आयोजित हुई इस कार्यशाला में कोरोना संक्रमण के संबंध में सरकार एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं नितियों का पूर्ण पालन करते हुये आयोजन किया गया।
कार्यशाला के प्रथम सेशन में वक्ता ने किसी भी संस्थान के लिये प्रिंट एवं सोशल मीडिया द्वारा किये जाने प्रचार के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किसी भी संस्थान से जूडने के लिये इच्छुक व्यक्ति उस संस्थान की मूलभूत सुविधाओं का आंकलन एवं विश्लेषण करना चाहता है, जिसमें सोशल मीडिया महत्वपूर्ण रूप से सहायक सिद्ध होता है। संस्थान की वेबसाइट संस्थान द्वारा सोशल मीडिया पर नियत रूप से जारी की जाने वाली गतिविधियाॅं संस्थान को जन-जन से जोडने में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया बहुत ही सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा बहुत कम समय में और बहुत कम खर्चे में उसकी नितियों, गतिविधियों एवं कार्य को दूर-दूर तक प्रचालित एवं प्रसारित किये जाने में सक्षम है।
अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी संस्थान की छवि को बेहतर बनाने एवं उसकों ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने में संस्थान के कार्यकर्ताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अतः संस्थान एवं उसके कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत एवं सशक्त व्यवसायिक संबंध संस्थान को ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने में सहायक होते है, साथ ही समय-समय पर कार्यकर्ताओं के बीच में व्यावसायिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ कार्यकर्ता प्रोत्साहन कार्यक्रम भी आयोजित किये जाने चाहिये, जिससे कार्यकर्ता संस्थान के प्रति निष्ठावान बना रहें एवं समाज में उसकी कृति को प्रचालित करें। उन्होने कहा कि सभी को उच्च से लेकर निचले स्तर तक सभी को शालीनता पूर्ण व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये। प्रदान किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि संस्थान का व्यवहार भी संस्थान की छवि को प्रभावित करता है।
इस अवसर पर उन्होने कहा कि संस्थान द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले उसके प्रचार माध्यम के डिजाईन्स एवं विडियो भी सौन्दर्यपूर्ण एवं तर्कपूर्ण होने चाहिए, क्योंकि इन्हीं को देखकर लोग जागरूक एवं प्रेरित होते है। अतः संस्थान को अपनी नितियों अपनी गतिविधियों को जनहित की नितियों एवं गतिविधियों को ज्यादा से ज्यादा सशक्त प्रचार माध्यमों द्वारा जन-जन तक प्रचालित एवं प्रसारित किया जाना चाहिये, इसलिए संस्थान को अपने प्रचार माध्यमों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसके लिए संस्थान में एक ऐसी टीम का गठन किया जाना चाहिये जो रचनात्मक विज्ञापनों की रचना कर संस्थान की नितियों एवं कार्यशैली का प्रचार एवं प्रसार करे साथ ही संस्थान की ऐसी समस्याओं को भी चिन्हित करें, जिनसे संस्थान की छवि धूमिल होनी की सम्भावना बनी रहती है। साथ ही इन्होने यह भी कहा कि शिक्षण संस्थानो में प्रचार के जो मूल बिन्दु है वो ये है कि संस्थान द्वारा द्वारा दि जाने वाली व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्थान द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले रोजगारों के अवसरों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार एवं प्रसार किया जाना चाहिये। साथ ही जो विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर आशंकित एवं भ्रमित है ऐसे विद्यार्थियों के लिये करियर काउंसिलिंग उपलब्ध की जानी चाहिये। जिससे संस्थान के प्रति विश्वसनियता तो विकसित होती है साथ ही संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थी के मन में भी सुरक्षा की भावना विकसित होती है। इस तरह से संस्थान की छवि समाज के बीच में सशक्त रूप लेकर स्थापित होती है।कार्यशाला में श्री राम कालिज की प्राचार्य डा0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम काॅलेज ऑफ लाॅ के प्राचार्य डा0 रविन्द्र सिंह, जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 रवि गौतम, श्री राम गर्ल्स काॅलेज के निदेशक डा0 मनोज धीमान, ललित कला विभाग की विभागाध्यक्ष डा0 रूपल मलिक, प्रवक्ता बिन्नू पुण्डीर, रजनीकांत, अनु नायक, डा0 आशीष गर्ग, रीना त्यागी, डा0 रविन्द्र धीमान, मीनाक्षी काकरान, हिमांशु शर्मा एवं नीशू दीप के साथ अन्य विभागों के प्रवक्तागण एवं छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए।