मुकेश कुमार ऋषि वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
तुझे चलना है
निरन्तर चलते ही जाना है
बूंद-बूंद रक्त बह रहा सड़कों पर
पांव तेरे हुए घायल
सूजे और बने फफोले
हो रहे शिथिल
पर तुझे चलना है
चलते ही जाना है
तू भारत भाग्य विधाता
लेकिन कहलाया मजदूर
और आज हुआ मजबूर
तेरे चेहरे की उदासी देख
मानवता कर रही चीत्कार
पर तेरी पीड़ा को समझ सका न संसद
तेरी असीम शक्ति - साहस को
कोटि-कोटि नमन है
तुझे चलना है
स्वजनों से मिलना है
मन में बल भरना है
भले हो जाये तन की शक्ति क्षीण
तुझे हौसला जिंदा रखना है
तुझे चलना है
निरन्तर चलना है...
ग्राम रिहावली, डाक तारौली गूजर,
फतेहाबाद, आगरा 283111
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