पढ़ने में आत्मनिर्भरता


दिलीप भाटिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

सरिता!

शिक्षण संस्थान ट्यूशन कोचिन्ग बन्द होने के कारण तुम परीक्षा की तैयारी के लिए तनाव में हो। स्वयं पढ़ने का प्रयास करो। कोई भी काम पहली बार करने में मुश्किल होना स्वाभाविक है। एक पाठ को दो तीन बार पढ़ कर लिखो। नहीं लिख पा रही हो तो पुनः पढ कर लिखने का प्रयास करो। पत्रिका में कहानियाँ कविता पढ़ती हो। हिन्दी अंग्रेजी की पुस्तक की कहानी कविता भी उसी प्रकार पढ़ सकती हो। स्कूल की निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए निबंध संग्रह से पढ़ कर पुरस्कार प्राप्त कर लेती हो।

पाठ्य पुस्तकों के निबंध भी पढ़ने की कोशिश करो। गणित के हर पाठ में प्रश्नावली से पहले सरल उदाहरणों को  तीन चार बार कर लेने से फार्मुले नियम सूत्र का उपयोग समझ में आएगा। परिवार में कोई भी सदस्य मम्मी-पापा भाई भाभी दीदी सक्षम समर्थ हैं तो उनसे मार्गदर्शन लेने में सन्कोच मत करो। एमबीए की एक भी कक्षा में पारिवारिक एवं बिजली घर के काम की व्यस्तता के कारण नहीं जा सका एवं स्वयं ही पढ़ कर 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कठिन प्रश्न लिख लो ताकि स्थिति सामान्य होने पर  शिक्षकों से समाधान प्राप्त कर सको। मेरे कई परिचित विद्यार्थियों ने बिना ट्यूशन कोचिन्ग के स्कूल में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी प्रथम बार में ही सफलता प्राप्त की है।

सरिता! बेटी तुम भी पढ़ने में आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करो। धीरे-धीरे तुम्हारा डर कम होगा एवं आत्मविश्वास बढेगा। हार जीत की चिंता किये बिना खेल खेलना मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। इस प्रयास में कोई समस्या हो तो समाधान के लिए

हेल्पलाइन 9461591498 पर फोन कर सकती हो। एक प्रयास करने की कोशिश करो।

                      

रावतभाटा, राजस्थान 

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