डॉ. राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
छीना है जिसने यूँ गरीबों का निवाला,
हर रोज निकले बस उसी का दिवाला।
ताला लगा है कई बरसों से जिस पर ,
उस घर का है केवल ईश्वर रखवाला ।
किसका हवाला दें भला आज तुमको ,
कौन जानता किसका दिल है ये काला।
नाला बहता रहा है सामने जिन घरों के ,
वही दे रहा अक्सर कोरोना का हवाला ।
पड़ा है जब से पाला गरीबों के खेतों में ,
'पुरोहित' करें कैसे अब उनको उजाला ।
भवानीमंडी, राजस्थान
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