टीपू फिर बना सपा का सुल्तान, अखिलेश-रामगोपाल का निष्कासन रद्द (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 13, अंक संख्या-22, 31 दिसम्बर 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों को टिकट वितरण के चलते अलगाव की तरफ बढ़ रही समाजवादी पार्टी का विवाद सूबे के कद्दावर मंत्री व सपा के वरिष्ठ नेता मौहम्मद आजम खान की कोशिशों के चलते समाप्त हो गया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने बचपन के नाम टीपू को सार्थक करते हुए एक बार फिर सपा के टीपू सुल्तान बनकर उभरे हैं।
ज्ञात हो कि टिकट वितरण के चलते मुलायम परिवार के झंझावात ने समाजवादी पार्टी को झकझोर कर रख दिया था और पार्टी लगातार टूट की ओर बढ़ रही थी। अखिलेश और रामगोपाल यादव को पार्टी से छः साल के लिए निलम्बित कर दिया गया था। लेकिन सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां ने एक ऐसा इमोशनल दांव खेला कि सब कुछ ठीक हो गया और पिता मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश व भाई रामगोपाल का निष्कासन ही रद्द नहीं किया बल्कि बेटे अखिलेश ने चुनाव जीतने का वायदा दिया तो पिता मुलायम ने बेटे को गले लगाकर जीत का आर्शिवाद दे डाला।  हुआ यूं कि हाल में चल रहे घटनाक्रम से परेशान चल रहे आजम खान ने मुलायम को विश्वास में लेकर नाराज अखिलेश से ऐसा भावपूर्ण वाक्य बोला कि बेटा अखिलेश खुल का नहीं रोक पाया। आजम ने पिता-पुत्र के प्रेम का वास्ता देते हुए कहा-‘क्या वालिद को बेटे के पास माफी मांगने के आना पडेगा। बस फिर क्या था अखिलेश न केवल आजम के साथ पिता से मिलने उनके घर गये, बल्कि पिता से गले मिलकर रोये भी। आंसुओं में सारे गिले-शिकवे बह गये।


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