सीट वेरिफिकेशन के दौरान पकड में आया मामला, हजारों मेधावियों की छात्रवृति पर संकट के बादल (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 13, अंक संख्या-21, 17 दिसम्बर 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी के करीब एक दर्जन कालेजों के हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पर संकट खड़ा हो गया है। इन कालेजों में बीटीसी प्रथम वर्ष में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कालेजों को कुल आवंटित सीट से अधिक निकल गई है। सीट वेरीफिकेशन में यह बात पकड़ में आई है। इस गोलमाल के कारण उच्च शिक्षा अधिकारी ने ऐसे कालेजों का डाटा प्रमाणित करने से रोक दिया है।
बीटीसी छात्रों के चक्कर में इन कालेजों में अन्य कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति भी फंस गई है। समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में बीटीसी कोर्स का सेशन एक वर्ष देरी से चल रहा है। इस कारण से 2015-16 के छात्रों का दाखिला इस वर्ष फरवरी में हुआ। इससे पहले के छात्रों का कोर्स जुलाई 2015 में शुरू हुआ था। इस कारण 2015-16 के छात्रों का पहला वर्ष है और इससे पहले वालों का दूसरा वर्ष। 
इन कालेजों के दोनों वर्ष के छात्रों को प्रथम वर्ष का छात्र दिखाकर छात्रवृत्ति का आवेदन करा दिया। इससे इनकी संख्या आवंटित सीट से ऊपर निकल गई और यह सभी उच्च शिक्षा अधिकारी की जांच में पकड़े गए। इनमें यूनिटी कालेज, जीसीआरजी, माडर्न गल्र्स कालेज, सिटी कालेज, जकिस्था समेत अन्य कई कालेज शामिल हैं।


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