वीरेन्द्र सिंह रावत, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
महिला क्या है, महिला का मह्त्व, महिला का सम्मान। जन्म देती महिला माँ जिसका हम कर्ज जीवन भर नहीं चुका सकते।
मेरी माँ ने बताया था कि जब तुम इस दुनिया मे आने वाले थे तो पौड़ी गड़वाल के कुलासू गांव मे 14 फ़रवरी 1970 को माँ को जब प्रसव पीड़ा हुई थी। गांव मे बहुत दूर एक ही डॉक्टर होता था। 5 किलोमिटर पैदल चलकर माता जी गई डॉक्टर के पास, फिर डॉक्टर ने वापस घर भेज दिया। फिर 5 किलोमिटर पैदल चलकर घर वापस आयी, घर पहुचते ही हम इस दुनिया मे आए। आप समझ सकते हैं कि कितना दर्द सहा होगा हमारी माता ने।
फिर अच्छी शिक्षा के लिए गांव से देहरादून 1970 मे जब मे मात्र 8 माह का था लेकर देहरादून आ गई। बताते है उस समय भी कई किलो मीटर पैदल चले, कितना कष्ट सहा होगा। हमे पढ़ाया, खुद पडी लिखी नहीं थी, लेकिन हमे पढ़ाने के 4 बजे उठाती थी, कि अच्छा पढ़ोगे तो अच्छी नौकरी मिलेगी। बहुत गरीबी झेली, 6 जून 2019 को हमे इस दुनिया से अकेले छोड़कर चली गई।बड़ी बहन है, जिसने हमे समय समय पर शिक्षा दी सही मार्ग दिखाया पड़ने मे सहयोग किया। अच्छे-बुरे से बचाया, फिर धर्मपत्नी आयी, उसने सुख दुख मे संगिनी बनी। कुछ दुश्मनों ने मेरे पर झूठा पुलिस केस किया। आत्महत्या करने वाला था, बदनामी सहन नहीं हो पा रही थी, फिर धर्मपत्नी ने आकर मुझे सहारा दिया, समझाया समाज से लड़ने की ताकत दी। कई बड़ी-बड़ी दुर्घटना हुई, लेकिन वो साथ खड़ी रही।
फिर दो बेटियाँ आयी, उन्होंने भी मुझे बहुत सहयोग दिया और आज पड़ाई के छेत्र मे उचित नाम कमा रही है। नारी शक्ति क्या होती है, हमसे पूछे कोई। माँ, बहन, धर्मपत्नी, बेटी.. ये वो जीवन की कड़ी है, जो हर इंसान के साथ-साथ जीवन भर चलती है।
आज 50 साल मे अगर फिट हू, जो अवार्ड मिले हैं, ये सब अपनी माँ, बहन, धर्मपत्नी, बेटियों की वज़ह से है। महिला का सम्मान करे, पूरे जीवन भर, सोच को बदले।
अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्टेट अवार्ड से सम्मानित
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