शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि काली नदी व हिन्डन नदी को प्रदूषित करने वाली औधोगिक इकाईयां पर कडी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि प्रदूषण विभाग व जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा औघोगिक इकाईयों का औचक निरीक्षण किया जायेगा। उन्होने कहा कि शिकायते मिलती रहती है कि इकाईयों द्वारा निकलने वाला पानी अधिक प्रदूषित रहता है। उस पानी को साफ कर ट्रीटमेंट कर नही बहाया जाता है, ऐसे ही छोड दिया जाता है और प्लांट रात में बन्द कर दिया जाता है।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कलैक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यावरण समिति की बैठक में निर्देश दिये कि प्रदूषण विभाग केवल नोटिस देकर ही अपने कार्य को पूर्ण न समझे, गडबडी पाये जाने वाली ईकाईयों पर कडी कार्यवाही अमल में लाई जाये। उन्होने कहा कि एक्ट के अन्तर्गत धाराएं लगाई जाये। उन्होने निर्देश दिये कि पर्यावरण व स्चच्छता को लेकर जो कार्य किये जा रहे है, उनकी फीडिंग तत्काल कराई जाये। उन्होने नगर पालिका से ठोस अपशिष्ट प्रबन्ध, ई-वेस्ट के स्थाई निस्तारण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये। प्लास्टिक व कूडे आदि के निस्तारण के लिए प्रत्येक नगर पालिका व नगर पंचायत में कार्ययोजना बनाई जाये। उन्होने बायो मेडिकल वेस्ट के सम्बन्ध में भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि यह सुनिश्चत किया जाये कि बायेामेडिकल वेस्ट निर्धारित डस्टबिन मे डाला जाये। उसे एक ही डस्टबिन मेें न डाला जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में किये गये वृक्षारोपण का थर्ड पार्टी निरीक्षण किया जोयगा। उन्होने बताया कि फाॅरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा यह निरीक्षण किया जायेगा। उन्होने कहा कि सभी विभाग जिनके द्वारा वृक्षारोपण किया गया है, उसकी सूची जहां जहां वृक्षारोपण हुआ है, डीएफओ केा उपलब्ध करायी जाये।
बैठक मे डीएफओ सूरज, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 आलोक कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अतुल कुमार सहित प्रदूषण विभाग के साथ अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।