अजय जैन 'विकल्प',शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
लो शुभ दीपावली आ गई,
मंद-मंद मुस्कानें छा गई।
मौसम भी करवट बदलने लगा,
दीपों की माला जगमगा गई।
भूमि पुत्र का चेहरा खिल गया,
मानो मन की मुराद पूरी हो गई।
मंगल गीतों-ढोल से आँगन रोशन,
हर सू लहर खुशी लहरा गई।
माँ लक्ष्मी का आशीष बरसता रहे,
प्रेम की चादर सबको ओढ़ा गई।
साथ मिल सब मनाएँ दीपावली,
मिल रूठों को मनाएं,दिवाली कह गई॥
इन्दौर(म.प्र.)