शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिये हैं कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम-2013'' एवं ''महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) नियम-2013 लागू है।
उन्होने निर्देश दिये हैं कि अधिनियम की धारा-4 के अन्तर्गत प्रत्येक कार्यस्थल, जहां 10 या उससे अधिक कार्मिक कार्यरत हैं, में लिखित आदेश द्वारा cरूप से किया जाये। उन्होने निर्देश दिये कि जहां कार्यस्थल के कार्यालय या प्रशासनिक यूनिटें भिन्न-भिन्न स्थानों या खण्ड या उपखण्ड स्तर पर अवस्थित हैं, वहां आन्तरिक परिवाद समिति सभी प्रशासनिक युनिटों या कार्यालयों में गठित की जायेगी। अधिनियम की धारा-4(2) में दिये गये प्राविधानों के अनुसार आन्तरिक परिवाद समिति के सदस्यों से मिलकर बनेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि एक पीठासीन अधिकारी, जो कर्मचारियों में से कार्यस्थल पर ज्येष्ठ स्तर पर नियोजित महिला होगी, परन्तु किसी ज्येष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी के उपलब्ध नहीं होने की दशा में पीठासीन अधिकारी सम्बन्धित कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक युनिटों से नाम निर्देशित की जायेगी। कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक युनिटों में ज्येष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी नहीं होने की दशा में अन्य विभाग या संगठन के किसी अन्य कार्यस्थल से नाम निर्दिष्ट की जायेगी। उन्होने बताया कि दो से न्यून ऐसे सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति अधिमानी रूप से प्रतिबद्ध हैं या जिनके पास सामाजिक कार्य में अनुभव है या विधिक ज्ञान है, एक सदस्य किसी गैर-सरकारी संगठन या संगम से जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध है या लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित मुद्दों से सुपरिचित है।
जिलाधिकारी ने बताया कि गठित आन्तरिक परिवाद समिति में कम से कम आधे सदस्य महिलायें होंगी। समिति का पीठासीन अधिकारी और प्रत्येक सदस्य अपने नाम निर्देशन की तारीख से 03 वर्ष से अनधिक की ऐसी अवधि के लिए पद धारण करेगा जो कार्यालयाध्यक्ष द्वारा विनिर्दिष्ट की जाये। अधिनियम की धारा-5 के अन्तर्गत इस अधिनियम के अधीन शक्तियों का प्रयोग करने या कृत्यों का निर्वहन करने के लिए जिला अधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है।
जिलाधिकारी के बताया कि अधिनियम की धारा-6 के अन्तर्गत स्थानीय परिवाद समिति का भी गठन किया गया है, जिसकी अधिकारिता सम्पूर्ण जनपद मुजफ्फरनगर में है। स्थानीय परिवाद समिति ऐसे कार्यालयों से शिकायतें ग्रहण करेगी, जहां 10 से कम कार्मिक कार्यरत हैं या शिकायत स्वयं कार्यालयाध्यक्ष/नियोजक के विरूद्ध है। शिकायतें 07 दिवस के अन्दर स्थानीय परिवाद समिति को अग्रसारित की जायेंगी। स्थानीय परिवाद समिति का कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय कलेक्ट्रेट में है।