बीडीएफ ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा भाषा शहीद स्टेशन के नामकरण की घोषणा नहीं करने सहित, फ्लाईओवर को लेकर उठाये सवाल

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्ता रॉय ने एक प्रेस बयान में कहा कि सिलचर के लोग इन दो महान व्यक्तित्वों की प्रतिमाओं के उद्घाटन पर गर्व महसूस करेंगे, लेकिन वर्तमान विधायक और भाजपा नेता उदय शंकर गोस्वामी को विशेष धन्यवाद देना चाहिए। उनके सक्रिय प्रयासों के बिना ये प्रतिमाएँ स्थापित नहीं हो सकती थीं। प्रदीप दत्ता रॉय ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री राज्य के बंगाली समुदाय की भावनाओं को महत्व देते, तो इस दौरे के दौरान ‘भाषा शहीद स्टेशन’ नामकरण की अंतिम घोषणा की जा सकती थी। उन्होंने कहा कि पहले भी इस मांग को उठाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री की मौन भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद केवल राज्य सरकार की अनिच्छा के कारण इसमें कोई प्रगति नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मौनता यह साबित करती है कि वे बंगाली समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने के इच्छुक नहीं हैं।

प्रदीप दत्ता रॉय नेे कहा कि कैपिटल पॉइंट से रंगीरखाड़ी तक फ्लाईओवर बनाने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर कई दुकानें हटानी पड़ेंगी, इसलिए संबंधित सभी लोगों की राय लेना आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया तो बाद में जनता की आपत्ति के बहाने प्रोजेक्ट स्थगित हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को तुरंत बैठक कर राय लेनी चाहिए और परियोजना को सहमति के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिलान्यास से पहले आपत्तियों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाना चाहिए। प्रदीप दत्ता रॉय ने कहा कि सिलचर में ट्रैफिक जाम की समस्या फ्लाईओवर के बिना हल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इसके लिए उचित योजना, जमीन अधिग्रहण, प्रभावितों के लिए उचित मुआवजा और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आवश्यक है।  

बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट के मीडिया सेल संयोजक जॉयदीप भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा हमेशा आत्मप्रचार करती है, लेकिन हिंदू बंगालियों को डी-वोटर समस्या से मुक्त करने के लिए अभी तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है, जबकि राज्य सरकार ने दो समुदायों के सभी डी-वोटर मामले वापस लेने की घोषणा की है, लेकिन बंगालियों के लिए ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार बंगालियों की समस्याओं को हल करने में गंभीर है, तो तुरंत उनके सभी डी-वोटर मामले वापस ले।


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