गौरव सिंघल, सहारनपुर। अध्यक्ष राष्ट्रीय महिला आयोग विजया रहाटकर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में यशोदा एआई के तहत विकसित भारत के लिए महिलाओं को आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस में साक्षर बनाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आशा वर्करों, एएनएम, महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रतिभाग किया गया। विजया रहाटकर ने कहा कि आज जीवन में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होनें उदाहरण के माध्यम से इसके बढते प्रयोग के बारे में जानकारी दी। इसके प्रयोग में सुविधाओं के साथ जोखिम है जोकि फेक कॉल्स, डिजिटल ब्लैकमैलिंग, डिजिटल अरेस्ट जिसकी अधिकतर शिकार महिलाएं हो रही है। इसके समाधान के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा ‘यशोदा एआई’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह एक डिजिटल जागरूकता है। उन्होने उदाहरण देकर कहा कि पहले किसी वस्तु को भेजने के लिए पता मंगाया जाता था अब लोकेशन मंगाई जाती है यही एआई है। विकसित भारत के लिए महिलाओं को एआई से साक्षर बनाना आवश्यक है। यह एक डिजिटल सखी है। इसका प्रयोग करें और डिजिटल रूप से सशक्त होने के लिए सभी को शुभकामनाएं है।
अध्यक्ष ने कहा कि गांव से लेकर ग्लोबल तक इससे जानकारी मिल सकेगी। साईबर क्राईम से बच सकेंगे। एआई का प्रयोग सकारात्मक दिशा में करें। इसमें यह जानना जरूरी है कि क्या हमकों करना है और क्या नहीं। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए डेटा का बेहतर उपयोग इसके द्वारा संभव हो सकता है। यह महिला सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण मिशन है। इसका मूल उद्देश्य महिलाओं की डिजिटल सुरक्षा एवं ऑनलाइन धोखाधडी से सुरक्षा करना है। इसको सीखने के बाद महिलाएं गांव के प्रत्येक घर में जानकारी पंहुचा सकती है एवं समाज में बदलाव लाकर नेतृत्व की भूमिका बेहतर तरीके से अदा कर सकती है। इसके पूर्व अध्यक्ष द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन, अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष बहादुर सिंह, ज्वाईंट मजिस्ट्रेट विनोद कुमार मीणा, डीसी एनआरएलएम इन्द्रपाल सिंह तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के पदाधिकारी उपस्थित रहे।