नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे पर कार्यक्रम आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, अहमदाबाद। विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नए आयाम जुड़े हैं। डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। ऐसे में 1 जुलाई को पूरी दुनिया में  ‘नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे’ के दिन डाककर्मियों का आभार व्यक्त करने का प्रचलन उभरा है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ‘नेशनल पोस्टल वर्कर डे’ की अवधारणा अमेरिका से आईजहाँ वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाककर्मियों द्वारा की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।

पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि डाककर्मियों की भूमिका में तमाम परिवर्तन आए हैं। ‘डाकिया डाक लाया’ के साथ  ‘डाकिया बैंक लाया’ भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों व पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें पोस्टमैन ही घर-घर वितरित करता है। आधार कार्डपासपोर्टपैन कार्डवोटर आईडीड्राइविंग लाइसेंसबैंक चेक बुकएटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाददवाईयां और रक्षाबंधन पर्व पर राखियाँ भी डाकियों द्वारा ही पहुँचायी जा रही हैं। गुजरात डाक परिमंडल में 4,500 से ज्यादा पोस्टमैन और 8,000 से ज्यादा ग्रामीण डाक सेवक लोगों के दरवाजे पर हर रोज दस्तक लगाते हैंजिनके द्वारा औसतन प्रति माह 53 लाख स्पीड पोस्टपंजीकृत पत्र व पार्सल और 1.5 करोड़ से ज्यादा साधारण पत्रों का वितरण किया जा रहा है। ई-कामर्स को बढ़ावा देने हेतु कैश ऑन डिलीवरीलेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने हेतु नन्यथा मोबाईल एप एवं डाकियों द्वारा एण्ड्रोयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल हैं।

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बाँटने वाली रही हैपर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन और बैग में डिजिटल डिवाइस भी है। डाकिया आज डिजिटल डिवाइस से राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी कर रहा है। इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स  बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधारडीबीटीप्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाई-श्रम कार्डवाहन बीमाडिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। आईपीपीबी के अंतर्गत डाकियों द्वारा घर बैठे वर्ष तक के बच्चों का आधार बनानेआधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने के तहत प्रति माह 16,000 लोगों का आधार नामांकन व अद्यतनीकरण का कार्य किया जा रहा हैवहीं लोगों को आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से घर बैठे उनके विभिन्न बैंक खातों से नगदी उपलब्ध करायी जा रही है। आज भी डाककर्मी जाड़ागर्मीबरसात की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों तक डाक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

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