गन्ना पेराई में त्रिवेणी समूह की चीनी मिल देश में अव्वल, कर्नाटक की गोदावरी को पीछे छोड़ा

शि.वा.ब्यूरो, खतौली। मंडल की खतौली चीनी मिल ने इस सीजन में सबसे ज्यादा 148 लाख क्विंटल गन्ना पेराई करके नया रिकॉर्ड बनाया है। गन्ना उपायुक्त ओम प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को इस संवाददाता को बताया कि कर्नाटक की गोदावरी चीनी मिल अबकी कुल 146 लाख क्विंटल पेराई कर बंद हो गई है। जबकि त्रिवेणी समूह की खतौली चीनी मिल 148 लाख क्विंटल गन्ना पेराई करके अभी भी चल रही है। इसकी पेराई क्षमता एक लाख 60 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। गन्ना उपायुक्त ओपी सिंह ने कहा कि त्रिवेणी समूह की देवबंद इकाई इस बार भी गन्ना मूल्य भुगतान में अव्वल रही। देश में 525 चीनी मिले हैं। पेराई सत्र 2024- 25 में 472 चीनी मिलों ने पेराई की। गन्ना उपायुक्त ओपी सिंह ने बताया कि सहारनपुर मंडल में अबकी सभी 19 चीनी मिलों ने पेराई की है। 

गन्ना उपायुक्त ओम प्रकाश सिंह ने बताया किसबसे ज्यादा गन्ना पेराई का रिकॉर्ड बनाने वाली खतौली चीनी मिल उत्पादन और भंडारण क्षमता के मामले में एशिया की सबसे बड़ी मिल है। यह 1933 से चल रही है। सहारनपुर मंडल की चीनी मिलों ने अबकी 180 लाख बोरा चीनी बनाई है। पिछले सीजन में 177 लाख बोरा चीनी बनी थी। पिछले सीजन में मंडल में 164 8.86 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की थी। अबकी 1795.12 लाख क्विंटल गन्ना पेराई हुई है। जो पिछली बार से 146.46 लाख क्विंटल ज्यादा है। दिलचस्प यह है कि अबकी गन्ने का रकबा दो हजार हेक्टेयर कम था। जाहिर है गन्ने के प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। ऐसा किसानों के उन्नत प्रजाति के गन्ने की खेती करने से हुआ। 

बता दें कि सहारनपुर मंडल उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती करने में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह किसानों की खुशहाली की बडी वजह भी है। कुछ साल पहले कम मुनाफा होने और गन्ना भुगतान लटके रहने से यहां के किसानों ने पापुलर की खेती अपना ली थी पर फिर से गन्ना किसानों की पहली पसंद बन गया। चीनी मिल भी मुनाफे में है और उपभोक्ताओं को भी अच्छी गुणवत्ता की चीनी उचित दामों पर मिल रही है।खतौली के पेराई में देश में प्रथम स्थान पर रहने से गन्ना किसानों ने हर्ष व्यक्त किया है। पिछले कुछ वर्षों से गन्ने की सियासत भी खत्म हो गई है। 

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