गौरव सिंघल, सहारनपुर। बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय में शिक्षण अधिक सुचारु से कराए जाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम का लोकार्पण एवं उद्घाटन लोक भवन, लखनऊ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया। इसके तहत स्कूल चलो अभियान, बेहतर शिक्षा एवं उन्नत भविष्य के दृष्टिगत डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों का सम्मान, उत्तर प्रदेश निपुण प्रदेश के संबंध में भी जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री द्वारा कक्षा तीन से 12 के लिए निपुण प्लस का बटन दबाकर उद्घाटन, 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के भवन का लोकार्पण, 43 मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय तथा 66 अभ्युदय विद्यालयों का उद्घाटन किया गया।
जनपद के जनमंच सभागार में मंत्री इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा प्रभारी मंत्री सुनील कुमार शर्मा की अध्यक्षता में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया। जिसके अनुक्रम में जनपद में 149310 छात्र-छात्राओं को डीबीटी स्थानांतरण के रूप में अभिभावकों के खातों में 1200 रुपए दो जोड़ी यूनिफॉर्म, जूता मोजा, स्कूल बैग, स्टेशनरी क्रय करने के लिए अंतरित किए गए। 40 विद्यालयों को स्मार्ट टीवी पैनल वितरण, समर कैंप को प्रभावशाली तरीके से संचालित कर रहे पांच आदर्श शिक्षकों का सम्मान, 454 विद्यालयों को टैबलेट वितरण, जनपद में बेहतर कार्य कर रहे खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश त्यागी को सम्मानित किया गया। प्रभारी मंत्री सुनील कुमार शर्मा को जिलाधिकारी मनीष बंसल ने काष्ठ की बनी गणेश जी की प्रतिमा भेंट की। जनमंच परिसर में बेसिक शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी का अतिथियों द्वारा अवलोकन किया गया। प्रदर्शनी में विभिन्न पटलो से संबंधित सामग्री यथा गणित किट, विज्ञान किट, वंडर बॉक्स, चहक किट, सहायक शिक्षण सामग्री, दिव्यांग बच्चो हेतु विभिन्न शिक्षण सामग्री, कक्षा 1 से 8 तक की समस्त पाठ्य पुस्तक आदि का प्रदर्शन किया गया। साथ ही बच्चो के साथ सेल्फी भी मुख्य अथिति द्वारा ली गई।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कुमारी कोमल द्वारा विभाग में चल रही विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। प्रभारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि किसी भी देश के विकास की पहली सीढी शिक्षा ही होती है। विद्यालयों में बेहतर शिक्षा के साथ ही मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। शिक्षक सहित अन्य सभी भर्तियां बिना भेदभाव एवं पारदर्शिता के साथ की जा रही है। वर्तमान सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से तब माना जाएगा जब हमारे पास सरकारी विद्यालय में दाखिला कराने की सिफारिश आए। मुझे विश्वास है कि शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में लगातार परिवर्तन करते हुए छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा रहे है। उन्होने कहा कि 06 से 14 वर्ष के शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सभी आगे आएं।