मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। तारापुर में अन्नपूर्णा मंदिर जो काफी लोकप्रिय एवं पूराना है लेकिन ऐन नदी के किनारे होने से बाढ मे पानी भरने के साथ साथ भूमि कटाव के कारण कभी भी मंदिर ढह सकता है। तीसरी पीढ़ी के पूजारी आनंद दूबे दो दशकों से हर विधायक सांसद एवं मंत्रियों से गुहार लगाते रहते हैं, लेकिन इस एतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए कुछ भी नहीं होता है।
बता दें कि इस मंदिर के प्रांगण में धार्मिक सामाजिक एवं साहित्यिक अनेक कार्यक्रम होने के साथ साथ साल भर कार्यक्रम पूजा अर्चना होती है, लेकिन कोई संस्था इसके विकास के लिए आगे नहीं आ रही है। कछार में नदियों में पानी बढ रहा है। लोग स्कूलों एवं सरकारी भवनों में राहत शिविरों में रह रहे हैं। अन्नपूर्णा मंदिर में चारों ओर पानी होने से खतरा बना रहता है।
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