शि.वा.ब्यूरो, देवबंद। जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव पर नगर में बैंडबाजों व आकर्षक झांकियों के बीच स्वर्ण रथ यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में स्वर्ण रथ पर विराजमान भगवान महावीर की प्रतिमा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।
नगर के जैन समाज एवं श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति के तत्वावधान में श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सरागवाड़ा से प्रारंभ हुई शोभा यात्रा दिगंबर जैन मंदिर बाहरा, हलवाई हट्टा और मंदिर कानूनगोयान होकर मित्रसैन चौक पहुंची, जहां स्वर्णरथ पर भगवान जी की प्रतिमा को विराजमान किया गया। भगवान को लेकर बैठने वाले ख्वासी बनने का का सौभाग्य महिपाल अजय कुमार जैन और रथ का सारथी बनने का सौभाग्य महेश चंद रजनीश कुमार जैन सर्राफ को प्राप्त हुआ। भगवान के रथ पर कुबेर बनने का सौभाग्य रजनीश कुमार सतीश कुमार जैन, दाएं इन्द्र बनने का सौभाग्य सिद्धांत जैन व बाएं इन्द्र बनने का सौभाग्य सुबोध जैन को प्राप्त हुआ।
यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई जैन मंदिर नेचलगढ़ पहुंची, जहां बनी पांडुक शिला पर इन्द्रों द्वारा 1008 कलशों से श्री जी का अभिषेक व पूजन उपरांत प्रतिमा को वहीं पर विराजमान किया गया। यात्रा में महिलाओं ने डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया। यह यात्रा 18 नवंबर को पुन: इन्ही मार्गों से होती हुई मंदिर जी सरागवाड़ा पहुंचकर संपन्न होगी।
इस दौरान सुदेश जैन, प्रवीण जैन, अजय जैन, शशांक जैन, विपुल जैन शुभम जैन, अंकित जैन,अनुज जैन, मुकेश जैन, ऋषभ जैन, अर्पित जैन, लक्ष्य जैन, रविन्द्र जैन, संयम जैन, अतुल जैन, धैर्य जैन, अनुज जैन, प्रांशु जैन, पारस जैन, हर्षित जैन, चंदनबाला जैन, नेहा जैन, सुनीता जैन, पायल जैन आदि मौजूद रहे।