छठ भजन संगीत समारोह के साथ हुई छठ पूजा की भव्य शुरूआत

मदन सिंघल, शिलचर। प्रतिकूल मौसम में भी पकड़िया बाबा में विशाल छठ भजन संगीत समारोह आयोजित किया गया। भातखंडे संगीत विद्यालय के कलाकारों ने जलवा दिखाया।  प्रतिकूल मौसम में भी शिलचर से 110 किलोमीटर दूर पकड़िया बाबा, फनाई में विशाल छठ भजन संगीत समारोह आयोजित किया गया। पकड़िया बाबा मंदिर परिसर में छठ भजन समिति द्वारा संगीत समारोह का आयोजन किया गया। भातखंडे संगीत विद्यालय गंभीरा घाट के कलाकारों ने छठ पूजा के ऊपर एक से एक गीत, संगीत, नृत्य की प्रस्तुत करके दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का सुंदर संचालन कुमारी सुनीता कोहार ने किया।

विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने आयोजको, कलाकारों और उपस्थित श्रोताओं का अभिनंदन किया और कहां की आस्था का महापर्व है छत जो बहुत ही कठोर संयम और पवित्रता के साथ मनाया जाता है। चार दिन चलने वाले इस उत्सव में माताएं बहने 36 घंटे निर्जल उपवास रखती है। यह प्रकृति की पूजा है, सूर्य भगवान और छठी मैया सबका कल्याण करें। आयोजन समिति के अध्यक्ष संजय गोस्वामी, सत्यजीत ग्वाला, जय किशन कोईरी आदि कार्यकर्ताओं ने दुपट्टे से अतिथियों का स्वागत किया। भातखंडे संगीत विद्यालय के अध्यक्ष स्वराज कोईरी, सचिव परमेश्वर गोस्वामी व प्रशिक्षकों ने अथक परिश्रम करके कलाकारों को कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित किया था। समारोह में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में चंद्रशेखर पांडेय, चतुर्भुज शाह, डॉक्टर दयाशंकर पांडेय, राधेश्याम कोईरी, श्याम नारायण यादव, अजय गोस्वामी व रामकुमार गोस्वामी आदि शामिल थे।
हमारे प्रतिनिधि ने संगीत विद्यालय के कलाकारों से बातचीत की। उनसे जब पूछा गया कि गीत संगीत सीखने की रुचि कैसे हुई? उनका कहना था कि पढ़ाई लिखाई और घर के काम के साथ गीत संगीत भी सिखाना जरूरी है। कलाकारों ने विद्यालय के शिक्षकों और समिति के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले साल छठ पूजा पर हम लोग कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं कर सके क्योंकि हमें आता नहीं था, आज 13 महीने में हम लोगों ने बहुत कुछ सीखा है और आज हम मंच पर प्रस्तुत कर पा रहे हैं। कुछ कलाकारों ने गीत संगीत को ही अपना करियर चुनने की बात कही। देखा जाता है कि भोजपुरी समाज में लोग लड़कियों को गीत संगीत और नृत्य में आगे नहीं आने देते लेकिन यहां के लोगों ने अपने बच्चों को सीखने और कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर दिया है, इससे यहां के कलाकारों में उत्साह है।
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