शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। जिले में चिकनगुनिया, डेंगू बुखार जानलेवा बना हुआ है। जिले के थाना बड़गांव के नूनाबड़ी, दलहेड़ी, सिसोनी और थाना एवं कस्बा तीतरो में दो महिलाओं समेत पांच लोगों की बुखार से जान चली गई है। गंगोह के गांव सांगाखेड़ा में एक बच्चे समेत चार लोगों की बुखार से मौत हो गई है। जिले में डेंगू के तीन नए मरीज और मिले हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ के मुताबिक डेंगू मरीजों 2060 से ऊपर पहुंच गई है। गांव नूनाबड़ी के प्रधान शोएब की 75 वर्षीय मां अनवरी की बृहस्पतिवार को देवबंद के एक प्राइवेट चिकित्सक के यहां मौत हो गई। दलहेड़ी गांव के 60 वर्षीय समेर कश्यप की बुखार से मौत हो गई उसी गांव के 27 वर्षीय दीक्षा पुत्रवधु संत कुमार भगत की सुबह मुजफ्फरनगर में उपचार के दौरान मौत हो गई। कल तक यह महिला देवबंद के एक निजी चिकित्सक के यहां भर्ती थी।
सिसोनी गांव के पूर्व प्रधान 67 वर्षीय श्याम सिंह ने बुखार के चलते कल रात दम तोड़ दिया। कस्बा तीतरो की नई बस्ती निवासी 19 वर्षीय युवती शबनम पुत्री जमील की बुखार से मौत हो गई। उसे चार दिन से लगातार बुखार आ रहा था। गंगौह थाने के सांगाखेड़ा गांव में सात वर्षीय बालक आहिल पुत्र वकील की एक निजी चिकित्सक के यहां उपचार के दौरान मौत हो गई। पिछले 36 घंटे के दौरान सांगाखेड़ा गांव 61 वर्षीय हनीफा, 28 वर्षीय कौशर और 30 वर्षीय मुनीबा पत्नी सालिम की बुखार से मौत हुई।
गंगोह सीएचसी प्रभारी डा. रोहित वालिया ने आज बताया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए भेजी गई है। राजकीय मेडिकल कालेज में डेंगू और निमोनिया के 200 रोगी रोज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। बाल रोग चिकित्सक डा. सुशील शर्मा ने कहा कि अस्पताल आने वाले रोगियों में निमोनिया, वायरल, टाइफाइड, खासी जुकाम के रोगी ज्यादा है।
जिला अस्पताल में भी 150 से 200 तक रोगी रोजाना पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर जिले में तमाम तरह के बुखार और डेंगू फैला हुआ है। पिछले दो माह के दौरान इन बुखारों ने 30 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। लेकिन कोई भी मौत स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के रिकार्ड में शामिल नहीं है। रोगियों की मौत प्राइवेट चिकित्सकों के यहां हो रही है जिनका कोई सरकारी रिकार्ड नहीं है।