इतिहासकार डॉ. सुरेश शर्मा की दो पुस्तकों का विमोचन किया

शि.वा.ब्यूरो, शिमला। जाने-माने चित्रकार और इतिहासकार डॉ. सुरेश शर्मा की दो पुस्तकों Four Eras Of The Battling Gods और Astronomical Milestones Of The Four Eras का रोटरी टाउन हॉल शिमला में विमोचन किया गया। यह लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिरबन बंधोपाध्याय ने किया, जो प्रख्यात् न्यूरो साइंटिस्ट हैं और स्वयंज्ञान वैदिक विद्वान भी हैं।

जापान की नेशनल इंस्टीट्यूट फोर मेटेरियल साइंस इसुकुबा के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट डॉ अनिर्बन बंदोपाध्याय ने बतौर मुख्य अतिथि   डॉ. अनिरबन बंदोपाध्याय ने कहा कि डॉ. सुरेश शर्मा एक प्राचीन इतिहास और अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री वाले विद्वान हैं और विभिन्न कला और शैक्षिक क्षेत्रों में सम्मानित हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पुस्तकें भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को समझने के इच्छुक लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पठन हैं। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों को एक विस्तार और पूर्वगत शोध का काम माना जा सकता है। 

बता दें कि डॉ. सुरेश शर्मा की इन यह दोनों पुस्तकें वैदिक, रामायण और महाभारत-कालीन इतिहास की नए संदर्भों में व्याख्या करती है, इसमें कालगणना भी है कि कब-कब कौन सी यानी वैदिक, पौराणिक तथा रामायण और महाभारत में उल्लिखित घटनाएं हुईं। डॉ. सुरेश शर्मा ने चित्रकला और फोटोग्राफी में राज्य और अखिल भारतीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उन्हें संस्कार भारती और ललित कला अकादमी से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

इस अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकार केआर भारती, पूर्व आईएएस श्रीनिवास जोशी, विख्यात चित्रकार और शिक्षाविद प्रो. हिम चैटर्जी, कवि और साहित्यकार धर्म पाल भारद्वाज, डॉ. मीनाक्षी पाल, सुरेश शांडिल्य, उमा नधैक, रत्ना शर्मा, डॉ. संतोष भारद्वाज और अन्य बहुत सारे गणमान्य लोग तथा आमंत्रित प्रबुद्ध श्रोतागण मुख्य रूप से मौजूद रहे। मंच का संचालन डॉ.गोपाल भारद्वाज ने किया।

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