गुरु नानक देव जी का ज्योति ज्योत पर्व मनाया

शि.वा.ब्यूरो, देवबंद। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सभा में प्रथम पातशाह साहिब श्री गुरु नानक देव जी का ज्योति ज्योत पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया । संगत को संबोधित करते हुए हजूरी रागी ज्ञानी गुरु दयाल सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर साहिब  (पाकिस्तान) में बिताए थे। उन्होंने बताया कि गुरु जी ने यहां रहकर खेती करते हुए मानव जाति को नाम जपो, कीरत करो व वंड छको का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि गुरु जी 1529 में ज्योति ज्योत समा गए। 

उन्होंने बताया कि गुरु जी को हिंदू व मुस्लिम दोनो मानते थे, उनकी मृत्यु के समय हिंदूओं व मुस्लिमों में विवाद हो गया। हिंदू उनके शरीर का अंतिम संस्कार करना चाहते थे, जबकि मुस्लिम उसे दफनाना चाहते थे, लेकिन जब गुरु जी के शरीर से चादर हटाई तो वहाँ फूल पड़े मिले, जिसे हिंदू मुसलमान दोनों ने आधा आधा बांट लिया और अपनी-अपनी रीति से अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि उस स्थान पर आज गुरु द्वारा साहिब करतारपुर साहिब सुशोभित है। 

लंगर की सेवा हैप्पी रतड़ा के परिवार की ओर से की गई। इस दौरान सेठ कुलदीप कुमार, कुलभूषण छाबडा, श्याम लाल भारती, बालेन्द्र सिंह, बनारसी रतड़ा, संजीव रतड़ा, सुरेंद्र रतड़ा, सचिन छाबड़ा, अमन सिंह, गुरजन्ट सिंह, लवली सूरी, गुरजोत सिंह सेठी आदि मौजूद रहे।

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