सहारनपुर मंडल की बजाज ग्रुप की तीन चीनी मिलों ने 78780 किसानों को किया 359 करोड़ रूपया एक ही दिन में भुगतान

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। चीनी मिलों के इतिहास में पहली बार एक ही दिन में तीन चीनी मिलों का 359 करोड़ के बकाया का भुगतान करने का रिकार्ड बना है, इससे बजाज ग्रुप की गांगनोली, भैसाना और थानाभवन क्षेत्र के 78780 किसान लाभान्वित हुए हैं। ये तीनों चीनी मिलें पेराई सत्र 2013-14 से गन्ना भुगतान के मामले में फिसड्डी चल रही थी, जिससे किसानों में भारी रोष व्याप्त था। प्रशासन और गन्ना विभाग के अधिकारी भुगतान ना होने से किसानों के आक्रोश का लगातार सामना करते थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नए पेराई सत्र शुरू होते ही 359 करोड़ रूपए का भुगतान आज करा दिया। गन्ना उपायुक्त ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि गन्ना भुगतान कराने में सहारनपुर के कमिश्नर डा. हृषिकेश भास्कर यशोद, प्रदेश के गन्ना आयुक्त प्रभु नारायण सिंह, प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी मिल बीना कुमारी लीना की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 

गन्ना उपायुक्त ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि सहारनपुर के गांगनोली स्थित बजाज शुगर मिल ने 101 करोड़ रूपए का आज भुगतान किया। 22136 गन्ना किसान इस भुगतान से लाभान्वित हुए। शामली की थानाभवन बजाज चीनी मिल ने 143.50 करोड़ रूपए का भुगतान किया, जिससे 30443 गन्ना किसानों को फायदा पहुंचा। मुजफ्फरनगर के भैसाना की बजाज चीनी मिल द्वारा आज 114 करोड़ रूपए का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। 26201 किसानों को इसका लाभ मिला। बजाज ग्रुप की इन तीन चीनी मिलों पर अब केवल साढ़े 11 फीसद बकाया रह गया है। प्रबंधकों द्वारा जल्द से जल्द चीनी बेचकर इसका भुगतान करने का भरोसा दिया गया है। तीनों चीनी मिलें अब नए पेराई सत्र का पूरे आत्म विश्वास के साथ पेराई सत्र शुरू कर रही हैं। मंडल के गन्ना किसानों को बड़ी राहत मिली है। गन्ना उपायुक्त ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान बजाज चीनी मिल क्षेत्रों के किसान गन्ना भुगतान समय पर ना होने से परेशान थे और शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को लगातार असहज स्थितियों का सामना करना पड़ता था। 

उन्होंने बताया कि सहारनपुर की त्रिवेणी ग्रुप की देवबंद, सहकारी चीनी मिल ननोता और सरसावा शत-प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं और उनके पेराई सत्र भी शुरू हो गए हैं। पूरे मंडल में इस बार गन्ने की अच्छी पैदावार हुई है और पिछले वर्षों की तुलना में चीनी का ज्यादा उत्पादन होने की आशा है।

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