अमूक कविता
राजीव डोगरा, 
शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कविता......
कितने क्यों मौन हो
क्या आती नही अभिव्यक्ति ?
या फिर जाती नही
अब भी अहम भक्ति ?
छोड़ दो न छंदों अलंकारों को
कम से कम  करो न
आत्म अभिव्यक्ति।
या फिर जाती नहीं
अब भी शकी अभिव्यक्ति ?
हिंदू हिंदुस्तान की शान है
थोड़ा तो सम्मान  रख लो
आता नहीं रस तो
भाव ही अभिव्यक्त कर लो
या फिर आती नहीं
भाव की अभिव्यक्ति भी?
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गाहलिया (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश
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