गन्ने की पैदावार में छाए रहे वेस्ट यूपी के जिले, शामली, मुजफ्फरनगर पहले, दूसरे और सहारनपुर आठवें स्थान पर

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर चीनी का कटोरा कहे जाने वाले वेस्ट यूपी के जिले इस बार भी प्रदेश में गन्ने की पैदावार का रिकार्ड बनाने में सफल हुए हैं। सहारनपुर के गन्ना उपायुक्त ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि सहारनपुर मंडल का शामली जनपद लगातार पांचवें साल प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। 1025.12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने का उत्पादन शामली जिले में रहा। दूसरे स्थान पर भी सहारनपुर मंडल का जनपद मुजफ्फरनगर रहा। जहां गन्ने की पैदावार 948.84 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही।

गन्ने की पैदावार में सहारनपुर जनपद आठवें स्थान पर रहा। इस बार गन्ने की पैदावार में वृद्धि हुई है। यहां के किसान बेहतर बीज और अच्छी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। सहारनपुर में गन्ने की पैदावार 844.76 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद जनपद चौथेबुलंदशहर पांचवेंबिजनौर छठें और बागपत और हापुड़ सातवें स्थान पर रहे। उत्तर प्रदेश में 45 जिलों में गन्ने की खेती होती है। पूरब का गाजीपुर जिला प्रदेश में सबसे फिसड्डी साबित हुआ। वहां गन्ने की पैदावार 630.92 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही। वैसे पूरे प्रदेश में गन्ने की पैदावार का जो औसत रहा वह 839.48 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आया। 

सहारनपुर जिले का गन्ना उत्पादन उत्तर प्रदेश के औसत गन्ना उत्पादन से 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ज्यादा है। बागपत में गन्ने की पैदावार 894 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा। हापुड़ जिले की गन्ने की पैदावार 851.16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आई। गन्ना उपायुक्त ओमप्रकाश सिंह ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तरीके से प्रदेश में गन्ना किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं और साथ ही उनकी नीतियों से चीनी मिल भी मुनाफे में चल रहे हैं ऐसे में प्रदेश पूरे भारत में गन्ना उत्पादन में पहले स्थान पर है और यही स्थिति चीनी के निर्माण में भी सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर पहले पायदान पर खड़ा हो गया है। गन्ने की खेती के उत्पाद गुड़, चीनी, सीरा, अल्कोहल, एथेनोल के निर्माण में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि से प्रदेश और देश की जीडीपी में अच्छा खासा योगदान कर रहा है।

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