सभाओं में सदस्यों की घटती संख्या मुखियाओं की लोकप्रियता की समीक्षा
मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
किसी परिवार को बांधकर रखने में जैसी भूमिका प्रमुख की होती है वैसे ही संस्थानों में। समरसता समभाव समदृष्टी मान सम्मान के अनुसार मर्यादा परंपरा कानून कायदे के अनुरूप काम धारावाहिक रूप से कर्तव्य परायणता पारदर्शिता नैतिकता एवं इमानदारी से होने से लोग प्रेरित होकर अपने आप आकर्षित होते हैं तथा तनमनधन से समर्पित हो जाते हैं। उससे परिवार समाज आदर्श बन जाता है। जिसके उदाहरण लोग देते हैं। 
     अयोग्य सतालोलूप भेदभावी तानाशाही राजनीति से हांकने वाले के साथ मंडल नहीं रहता सिर्फ कमंडल रह जाता है। ऐसे लोग समाज परिवार का बंटाधार करने के साथ साथ अपने आप को भी पछतावे के लायक नहीं छोङते‌। हाँ यह भी शत प्रतिशत सही है कि आप मनचाहे निर्णय किसी पर थोप नहीं सकते। कुछ अङियल लोग कुछ जानबूझकर झंझट पैदा करने वाले कुछेक दुर्भाव रखने वाले भी लोग हो सकते हैं लेकिन उन्हें साथ लेकर चलना ही पङता है। सभा में ऐसे भी लोग मिलेंगे जो ना तो कोई पक्ष में बोलते ना ही विरोध करते ऐसे लोगों को कमतर मानकर चलना ही नासमझी होती है। सच तो यह भी है कि कोई भी हर किसी को संतुष्ट नहीं ंकर सकता फिर भी किसी को नाराज करना बिल्कुल सही नहीं होता। 
   समयावधि नियमों की परिधि तथा जनभावना को आंकते हुए समय के अनुसार अपने आप की भी समीक्षा करना चाहिए। ज्यादा कुल्हङी में गुङ फोङनें से कुल्हङी फूट जायेगी अथवा कभी कोई टूकङा उछल गया तो मुश्किल हो जायेगी। बादल का काम बरसात करना होता है, निर्भर लोगों पर करता है कि बारिश के पानी का सदपयोग करते हैं अथवा दुरूपयोग। 
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर असम
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