शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ में एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय ‘‘आधुनिक भारत में आपराधिक कानूनों में बदलाव“Transforming Criminal Law in Modern India* रखा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एनएएस कॉलेज में विधि विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीपी सिंह व विशिष्ठ अतिथि सरस्वती कॉलेज ऑफ लॉ शिकारपुर के प्रवक्ता डॉ प्रमोद कुमार रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ के निदेशक डॉ. रविन्द्र प्रताप सिंह ने की। सेमिनार का शुभारम्भ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। महाविद्यालय की ओर से अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट करके किया गया।
कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए महाविद्यालय की प्रवक्ता आंचल अग्रवाल ने कहा कि देश के विकास के लिए आर्थिक सामाजिक प्रगति के साथ साथ न्याय तन्त्र में अपेक्षित सुधार आवश्यक है यदि हम आपराधिक कानूनों में सुधार की बात करते हैं तो समाज में शान्ति व्यवस्था स्थापित करने के लिए कानून व्यवस्था में समय के साथ परिवर्तन आवश्यक है। इसके बाद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा भी विचार प्रस्तुत किये गये। आयान त्यागी ने कहा कि यदि न्याय का शासन सही परिणाम देना चाहता है तो यह न्यायालय का कर्त्तव्य है कि सही प्रकार अपना कार्य करें। हुरेन ने कहा कि 4 साल तक व्यापक विचार करने के बात तीनो विधेयको को तैयार किया गया है, इनमें 18 राज्यों 6 संघ शासित प्रदेश तथा 142 सांसदों के विचारों को शामिल किया गया है।प्रवक्ता गोल्डी त्यागी ने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार की किसी भी योजना को लागू करने से पहले पूर्व व्यापी समस्याओं का जानना आवश्यक है। डॉ0 हिना गुप्ता ने कहा कि भारत की मौजूदा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाये गये कानूनों में विशेष रूप से ध्यान रखने वाली बात यह है कि पुराने कानून में वर्तमान समस्याओं से निपटने के लिए र्प्याप्त साधन नहीं रह गये थे, इसलिए नये कानून की आवश्यकता आज कें समय के अनुसार रहेगी।
विशिष्ठ अतिथि डॉ0 प्रमोद कुमार ने कहा कि अधिक न्यायधीशो की नियुक्ती, पुलिस व्यवस्था में सुधार, वैज्ञानिक तकनीको को उन्नत करना तथा अन्य बुनियादी ढ़ाचे के उन्नतिकरण का भी समावेश होना आवश्यक है।
मुख्य अतिथि डॉ0 वीपी सिंह ने कहा कि भारत की आपराधिक प्रणाली में किसी भी संशोधन को अनेक प्रकार के सिद्धान्तो को ध्यान में रखते हुए कानूनों के बदलाव लाना चाहिए। प्रतिभागियों को अतिथियों के द्वारा पुरस्कृत किया गया। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट करके उनका अभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता आंचल अग्रवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संजीव तोमर, सोनिया गौड़, राखी ढ़िलौर, राममनू प्रताप सिंह, आकांशा त्यागी, गोल्डी त्यागी, डॉ हिना गुप्ता, प्रीति, विनय तिवारी और त्रलोक चन्द आदि का योगदान रहा।
विशिष्ठ अतिथि डॉ0 प्रमोद कुमार ने कहा कि अधिक न्यायधीशो की नियुक्ती, पुलिस व्यवस्था में सुधार, वैज्ञानिक तकनीको को उन्नत करना तथा अन्य बुनियादी ढ़ाचे के उन्नतिकरण का भी समावेश होना आवश्यक है।
मुख्य अतिथि डॉ0 वीपी सिंह ने कहा कि भारत की आपराधिक प्रणाली में किसी भी संशोधन को अनेक प्रकार के सिद्धान्तो को ध्यान में रखते हुए कानूनों के बदलाव लाना चाहिए। प्रतिभागियों को अतिथियों के द्वारा पुरस्कृत किया गया। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट करके उनका अभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता आंचल अग्रवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संजीव तोमर, सोनिया गौड़, राखी ढ़िलौर, राममनू प्रताप सिंह, आकांशा त्यागी, गोल्डी त्यागी, डॉ हिना गुप्ता, प्रीति, विनय तिवारी और त्रलोक चन्द आदि का योगदान रहा।