साझा काव्य- संग्रह 'पाती' और एकल काव्य -संग्रह 'छप्पन भोग' का विमोचन किया

शि.वा.ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी  झीलों की नगरी भोपाल में 'निर्दलीय' समाचार-पत्र की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में, केशव कल्चर द्वारा संकलित साझा काव्य- संग्रह 'पाती' और  एकल काव्य -संग्रह 'छप्पन भोग' (जयपुर निवासी वरिष्ठ साहित्यकार सरिता गर्ग 'सरि' जी द्वारा रचित) पुस्तकों का विमोचन किया गया। 

पाती' के विषय में विशेष यह है कि इस पुस्तक में कृष्ण प्रेमियों के कृष्ण के प्रति प्रकट किए गए उद्गार हैं जो कृष्ण को पाती के रूप में लिखे गए हैं ।  कृष्ण भक्तों की ये पातियाँ पहले वृंदावन बाँके बिहारी जी के श्री चरणों में भेजी गईं, तदुपरांत पुस्तक रूप में भक्तों के पास पहुँची। 'छप्पन भोग ' की छप्पन कविताओं को  सरिता गर्ग जी द्वारा छप्पन दिनों में रचा गया। कृष्ण भक्ति से सराबोर ये कविताएँ द्वापर युग में पहुँचा देती हैं, जहाँ कृष्ण की बाल-लीला है, नन्द-यशोदा और भैया बलराम हैं, कृष्ण की सखियों और राधा सँग छेड़छाड़ है, यमुना किनारा और वंशी की धुन है, निधि वन की कुंज गलियाँ हैं। इन पुस्तकों का विमोचन, नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता आदरणीय मेधा पाटकर जी, 'निर्दलीय' के संस्थापक सम्पादक कैलाश आदमी जी, दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार/ संगीतकार सुरेश खांडवकर जी, केशव कल्चर की महानिदेशक प्रतिभा शर्मा जी, संस्थापिका दीप्ति शुक्ला तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों के कर-कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
इस उपलक्ष्य में दिल्ली की संस्था वात्सलय के बाल-कलाकारों ने सुन्दर कृष्ण नृत्य प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी दर्शकों को कृष्णमय कर दियाl संस्था की ओर से वात्स्लय की संस्थापिका कविता मल्होत्रा को सम्मानपत्र और शाॅल पहनाकर सम्मानित किया गया साथ ही साझा संकलन में सहभागिता देने वाले उपस्थित कवियों / साहित्यकारों एवं बालकलकारों को स्मृति चिन्ह और प्रतिभा प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए l
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