ह्यूमैनिटी वेलफेयर सोसायटी के तत्वाधान में वन्य जीव संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

बिलाल अख्तर, मुज़फ्फरनगर नगर के मिमलाना रोड स्थित सम्राट इंटर कॉलेज में सामाजिक संस्था ह्यूमैनिटी वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले वन्य जीव संरक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रोग्राम में समाजसेवी हाजी सदाकत मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे तथा संचालन ह्यूमैनिटी वेलफेयर सोसाइटी के सचिव एवं शाहवेज द्वारा किया गया। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने संकल्प लिया कि सर्पों की हत्या किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पत्रकार आरिफ थानवी ने छात्र छात्राओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से मिलने वाले विष युक्त व विषहीन सांपों की जानकारी देते हुए बताया कि हमारे इलाके में सबसे अधिक कोबरा, कॉमन करैत व रसल वाइपर प्रजाति के सांप विषयुक्त मिलते हैं। इनके अलावा अधिकांश सर्प धामन (इंडियन रैट स्नैक), चेकर्ड कीलबेक स्नैक, इंडियन वुल्फ स्नैक, वॉर्म स्नैक व रेड सैंड बोआ इत्यादि सर्प विषहीन प्रजाति के पाए जाते हैं। आरिफ थानवी ने बताया कि भारत में सर्पदंश से सबसे अधिक मौतें सिर्फ इसलिए होती हैं, क्योंकि हम अंधविश्वास के कारण झाड़ फूंक एवं तंत्र मंत्र के चक्कर में लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि सर्पदंश का इलाज सिर्फ एंटी वैनम ही है।
समाजसेवी अम्बरीश कल्याणी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 16 जौलाई को विश्व सर्प दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन सांपों को हमेशा नफरत की नज़रों से देखा जाता है, जिसके कारण सांपों को लगातार ग्रामीणों व किसानों द्वारा मारा जाता है। उन्होंने बताया कि हमें इस क्रूर प्रथा की भांति सर्पों की सहायता के लिए इस प्रकार के प्रोग्राम का आयोजन कर लोगों को बड़े पैमाने पर जागरूक करना होगा। वसीम अब्बासी ने बताया कि किस प्रकार हमारे खेत खलिहानों को सर्पों द्वारा बचाया जाता है। उन्होंने बताया कि जीवन चक्र में सर्पों के प्रति महत्ता बताई। 
समाजसेवी हाजी सदाक़त व प्रधानाचार्य डॉ. अरशद सम्राट ने  वन्यजीवों को बचाने की अपील करते हुए कार्यशाला में उपस्थित होने वाले समस्त छात्र छात्राओं एवं कॉलेज प्रबंधन व ह्यूमैनिटी वेलफेयर सोसायटी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर इरफाना अंजुम, शगुफा नाज़, फातिया नाज़, सादिक, शादाब, कसान, उजमा, यास्मीन, फरीदा, इकरा आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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