गुजरात के मेहसाणा में आयोजित अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा का महाधिवेशन एलसी कनौजिया की नजर से

एलसी कनौजिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा गुजरात द्वारा आयोजित 45वां महाधिवेशन गुजरात के मेहसाणा में आयोजित हुआ। इस अवसर पर सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलन एवं ध्वज गीत के बाद मुख्य अतिथि पुरुषोत्तम रुपाला सहित विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया। 16 अप्रैल को बतौर मुख्य अतिथि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, पूर्व गृहमंत्री गोवर्धन झपड़िया, पूर्व मुख्यमंत्री नितिन पटेल, मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, छत्तीसगढ़ से नारायण चंदेल, सांसद विजय बघेल, मेहसाना सांसद शारदा बेन पटेल बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर वीएस निरंजन ने की। 
महासभा से देश के 23 राज्यों को जोड़ने वाले संगठन के संरक्षक एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एलपी पटेल, रामजी भाई पटेल बीपी पटेल, महिला अध्यक्ष लता ज्ञषिचंद्राकर, महासचिव डॉ. मनीषा गौर, राष्ट्रीय महिला कोष अध्यक्ष ममता पटेल, युवा अध्यक्ष धीरज पाटीदार, राष्ट्रीय युवा महासचिव अरुण कुमार पटेल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बीएल वर्मा, आयोजक सतीश भाई पटेल, संकलन चंद्र यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट प्रकाश भाई पटेल उपस्थित रहे। 
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से पूर्व एमएलसी कांति सिंह सहित 500 लोग शामिल हुए। देश के 24 राज्यों से लगभग 6000 प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में व्यापार समिति द्वारा स्टाल लगाए गए, जिसमें अपने उत्पाद का प्रचार प्रसार किया गया। कार्यक्रम में भोजन की व्यवस्था अति सुंदर रही। सबसे विशिष्ट बात यह थी कि महिलाएं स्वयंसेवक के रूप में भोजन परोस रही थी। ऐसा लगता था कि वह अपने किसी परिचित या रिश्तेदार को भोजन परोस रही हैं।
कार्यक्रम में आए हुए प्रतिनिधियों की आवासीय व्यवस्था अति विशिष्ट थी। लगभग 2500 प्रतिनिधियों को पड़ोस के गांव में ठहराया गया था। सभी ने अपने-अपने मेजबानों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। पूरी व्यवस्था में परिवार की महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं। मैंने कार्यक्रम के आयोजक सतीश भाई से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया की 10 कैंडिडेट के ऊपर एक आॅबजरवर की नियुक्त की गई थी और एक ग्राम में एक कोऑर्डिनेटर को नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था हेतु कई बार मीटिंग करके प्रबंध का जायजा लिया गया था। 
कार्यक्रम में सीता स्वयंवर का भी आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 60 पुत्रियों तथा 350 पुत्रों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। पुत्रियों और पुत्रों का बायोडाटा का मिलान कर एक पुत्री को पांच पुत्रों के बायोडाटा से मिलवाया गया। पुत्रियों को इन 5 बायोडाटा में से एक का चयन करना था। सीता स्वयंवर के प्रभारी जयंती भाई पटेल ने बताया कि 5 पुत्रियो का संबंध तुरंत फाइनल हो गया था। लगभग 16 पुत्रियों का संबंध बाद में फाइनल होने की सम्भावना है। जयंती भाई पटेल ने बताया कि संस्था ने यह तय किया है कि अगर कोई अनाथ पुत्री संस्था में रजिस्ट्रेशन कराती है तो संस्था ऐसी पुत्री का विवाह अपने खर्च पर एक अच्छे परिवार में करा सकती है। संस्था 6 लोगों का आने-जाने का प्रबंध कर देगी और उसकी शादी का खर्च संस्था वहन करेगी।
16 अप्रैल की रात हमने अपने साथियों के साथ विसनगर में गुजारी। पहले हम एक होटल वाले भाई साहब के घर गए, लेकिन उसके बाद पड़ोस के कई लोग उनके यहां आ गए और बारी-बारी से अपने-अपने घरों में ले गए। जब मैं जीतू भाई के घर में बैठा था तो बातचीत के दौरान मैंने यह कहा कि जब मैं पिछली बार गुजरात आया था तो होटल में बाजरे की रोटी खाई थी। तभी जीतू भाई की पत्नी ने आग्रह किया कि आप मेरे घर में रुक जाए, मैं आपको बाजरे की रोटी खिलाऊंगी। हम लोग 4 लोग थे, इसलिए संकोच किया, उनके आग्रह पर हम उनके यहां रात में रुके और जीतू भाई की पत्नी ने हमें बाजरे की रोटी खिलाई। मैंने घर आकर उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से धन्यवाद भी दिया।
विसनगर से अहमदाबाद आने पर उमेश पटेल के अनुरोध पर हम उनके आवास पर गए, जहां उन्होंने महासभा मे गुटबाजी होने में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आप भी प्रयास करें कि महासभा एक हो जाए। 17 अप्रैल अपरान 4.40 की फ्लाइट से हम लोग लखनऊ लौटे।

रायबरेली, उत्तर प्रदेश

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