गुजरात के मेहसाणा में आयोजित अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय का 45वां अधिवेशन प्रशांत पटेल की नजर से

प्रशांत पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

गुजरात के कुर्मी पाटीदार अदभुत अविश्वसनीय अकल्पनीय हैं और 45वें अधिवेशन को अब तक का सबसे सफल आयोजन माना जायेगा। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, आगे बतायेंगे।

पूरे देश के कुर्मी पाटीदारों द्वारा कार्यक्रम के बारे में लिखे गए अपने विचार इस कार्यक्रम की सफलता की कहानी बयां करते हैं और गुजरात कुर्मी पाटीदार क्यों सफल हैं, उसका राज भी पता चलता है। जहां एकता है सहयोग की भावना है, वहां सफलता मिलती ही है। विस नगर और आस पास के गांवों में आप क्या कल्पना करेंगे एक सुपर कंप्यूटर वाली यूनिवर्सिटी, बड़ी बड़ी कंपनी की फेक्ट्रियां, बड़ी-बड़ी अनाज औरदृमसालों की मंडियां, बड़े बड़े मॉल, हर मौहल्ले में 40 फीट चैड़ी रोड और बड़े बड़े बंगले, हजारों बच्चों को रहने के लिए हॉस्टल एवं कोचिंग संस्थान, उमिया माता धाम, सरदार धाम, विश्व उमिया धाम जैसे बड़े बड़े संस्थान, खेती से लेकर हर क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग और आप सबको जानकर हैरानी होगी कि इनमे से एक भी कार्य अकेले नहीं हुआ। यह सब कोऑपरेटिव मॉडल के तहत ही बनाए गए, जिसमें सोसायटी, ट्रस्ट, एनजीओ, एफपीओ बना कर ही किया गया, जो आज इस छोटे से तहसील में कुर्मी पाटीदारों की सफलता की कहानी बताता है।

मैं कहता हूं कि समाज को इनको फोलो करना चाहिए और अपने पैसे को आपस में मिलाकर, ट्रस्ट बनाकर कार्य में जुट जाना चाहिए। दान भी उसमे ही किया जाना चाहिए। उससे ही शिक्षण संस्थान, हॉस्टल, व्यापार के लिए ऋण, अनाज बेचने के लिए एफपीओ, यहां तक की मंदिर भी अपने कुल देवी देवता का ही बनाना चाहिए। जब मैं उंझा उमिया माता धाम गया तो जानकारी करने पर बताया गया पुजारी तो ब्राह्मण ही है, जबकि कुछ जगहों में समाज के ही सेवादार हैं, जिनको  माता की सेवा के लिए 12000 रुपए दिए जाते हैं। सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, पैसे दान पेटी में या फिर काउंटर में रसीद कटवा कर प्रसाद ले सकते हैं। पैसे ट्रस्ट में जाते हैं, जिसके ट्रस्टी पाटीदार हैं। ये सारा पैसा समाज के कार्यों में ही उपयोग होता है। किसी भी तरह की कथाओं में कोई पैसे खर्च या दान नहीं किए जाते हैं। आज से 100 सालों की समाज सेवी कार्य योजना बनाई गयी थी। पास में ही 1000 कमरे का होटल की सुविधा जैसा हॉस्टल है, जहां लोग रुकते हैं। यहां 50 रुपए में भर पेट खाना उपलब्ध रहता है। यही मॉडल पूरे विश्व में उमिया धाम में है। इसका पैसा खर्च शिक्षा, गरीबों, दुर्घटना के लिए, कैंसर के इलाज, व्यापार एवं अन्य समाज सेवी गतिविधियों में दिया जाता है। 

कोरोना में उमिया धाम ट्रस्ट ने पूरे विश्व में अपनी एक पहचान समाज सेवा में बनाई थी। पाटीदारों की राजनीति में पकड़ उनकी इसी आपसी सहयोग और सेवा भाव को माना जा सकता है, इसलिए कार्यक्रम में भी राजनीति के सबसे बड़े चेहरे कुर्मी समाज की महासभा और गुजरात के पाटीदारों के इस मिलन में मुख्य मंत्री भूपेंद्र पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, पूर्व ग्रह मंत्री गोवर्धन झड़विया, सिंचाई मंत्री ऋषिकेश पटेल, मेहसाना सांसद शारदाबेन पटेल जैसे पाटीदार समाज के शीर्ष राजनेता शामिल रहे और पूर्ण सहयोग किया। गुजरात कुर्मी पाटीदार महासभा के अध्यक्ष सतीश भाई पटेल एवं अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व्ही एस निरंजन, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एलपी पटेल, महिला अध्यक्ष लता ऋषि चंद्राकर, युवा अध्यक्ष धीरज पाटीदार, उपाध्यक्ष रामजी भाई पटेल एवं अन्य पदाधिकारियों का श्रम अकल्पनीय रहा। कुल मिलाकर 45वां राष्ट्रीय अधिवेशन बेहद सफल रहा। यह एक अविस्मरणीय यात्रा रही, जिसे पूरे देश के कुर्मी को समझना चाहिए और इसे अपने-अपने क्षेत्र में इसको मूर्तरूप देना चाहिए।

राष्ट्रीय कुर्मी आईटी सेल

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