एसडी कालेज ऑफ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में आज पायथन विषय पर कार्यशाला आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कालेज फ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में आज पायथन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस ट्रेनिंग वर्कशाप में सभी ब्रान्चों के छात्र-छात्राऐं अपना प्रोजेक्ट भी तैयार करेंगे। 

कार्यशाला में नोएडा से आये विशेषज्ञ शुभम सिंह ने बीटेक के छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुये उन्हे कम्प्यूटर के क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली पायथन उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वुएज व तकनीक की मौलिक संकल्पना के साथ-साथ उपयोगिता से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विश्व भर में नित्य नूतन तकनीक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आ रही है, जिनके ज्ञान के अभाव में आईटी क्षेत्र में रोजगार पाना कठिन है, इसलिये एन्ड्रायड, क्लाउड कम्प्यूटींग व डाॅटनेट के बाद पायथन का ज्ञान समय की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सभी आईटी कम्पनीज में प्रायः पायथन पर काम हो रहा है, इसलिये छात्र-छात्राओं को अधिकाधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें, पायथन की कार्यशाला एक अहम कड़ी है। उन्होंने बताया कि पायथन एक उच्च स्तरीय भाषा है तथा यह एक ओपन सोर्स है, जिसके सोर्स कोड इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस भाषा का उपयोग डेस्कटाॅप व वेब अनुप्रयोगी से लेकर गेम्स बनाने में किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह एक इंटरेक्टिव, आब्जैक्ट ओरियेन्टिड तथा स्क्रिप्टिंग भाषा के साथ-साथ एक मानक लाइबे्ररी भी है। 

संस्थान के सचिव अनुभव कुमार ने बताया कि इस प्रकार की तकनीकी कार्यशालाऐं छात्र-छात्राओं के समग्र विकास व एम्पलायबिलिटी को बढ़ाने में सहायक हैं। उन्होंने बताया कि पायथन कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में सबसे ज्यादा उभरती हुई भाषा है, इसमें पिछले साल के मुकाबले नौकरी के अवसर बढ़े है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राऐं यदि साॅफ्टवेयर डवलपमेन्ट में भविष्य चाहते है तो पायथन का ज्ञान एक लोकप्रिय विकल्प है। उन्होंने बताया कि पायथन भाषा आर्टिफिशयल इन्टेलिजेन्श, मशीन लर्निंग तथा बिगडाटा टैक्नोलोजी में सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली भाषा है। 

डायरेक्टर एडमिन डा0 सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि कालेज द्वारा अपने छात्रों के लिये यह कार्यशाला आयोजित की गई है, अन्यथा छात्रों को बाहर इधर-उधर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एसडी कालेज फ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी हमेशा से ही अपने छात्रों के लिये नूतन प्रशिक्षण एवं शिक्षण के कार्यक्रम लागू करता रहता है।

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