डा. कीर्ति चौधरी एडवोकेट, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
संदीप! अपनी पहली पुस्तक के प्रकाशन पर आपको खूब सारी बधाईया ! संदीप जिसका अर्थ ही रोशन करना है, अपने नाम और पिता-माँ से मिले संस्कारो को सार्थक कर दिया आपने, बरसों से सोशल माध्यम से नॉलेज टूटोरियल ग्रुप में आपसे जुड़े। आप बहुत ही जिम्मेदार, आपका बड़ो के प्रति आदर व छोटो के अति स्नेही, कृतज्ञता बेमिसाल है। आपकी माता को कोटि प्रणाम और आपके पिता तो अभी भी आपके साथ है पूर्ण पुस्तक पढ़ कर लगा उनकी दिव्य आत्मा, प्रेरणा, शब्दों मे अभिव्यक्त हो गयी। नमन है ब्रज किशोर मिश्रा को हीरा दिया है समाज को उन्होंने।
संदीप आपके लिखे शब्द मुरझाय, बुझे जीवन में हजारो के लिए प्रेरणा बनेगा। प्रिय संदीप आपके संघर्ष को प्रणाम, हम आपके साथ हैं। पिता सदैव आपके साथ रहेंगे। आपने इस पुस्तक मे अनमोल अनुभव लिखा विद्यार्थी, पुत्र, रिश्ता - जीवन की परीक्षा का वर्णन और उसमे खड़ा उतरने के लिए मानवता को उकेर दिया जीवन्त बनाकर,
कितने विचारों को पढ़कर आँखें और हृदय भर आया। कितने अनमोल मोतियों से भरी है यह अनमोल पुस्तक । जीवन की हर परीक्षा में साथी की तरह मार्गदर्शन करती है यह पुस्तक। आपकी हिम्मत, साहस, सृजन को प्रणाम। खुब सारी शुभकामनाएं खुब आगे बढ़े प्रगति करे, गर्व है आप पर है आपके ग्राम पर, बिहार पर
जयपुर, राजस्थान।
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