शि.वा.ब्यूरो, बागपत। श्री राम कॉलेज के कृषि विभाग द्वारा जिले के टयोडा गांव में एक मूल्य वर्धित दुग्ध उत्पाद प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण के लिए आयोजित प्रशिक्षण का शुभारंभ श्री राम कॉलेज के निदेशक डॉ. अशोक कुमार, श्रीराम काॅलेज की प्राचार्य डॉ. प्रेरणा मित्तल, कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मौ. नईम, नाबार्ड अधिकारी श्री कृष्ण गोपाल एवं महिला ग्रुप की प्रधान कौशल देवी ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर डॉ. नईम ने प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को बताया किआपके फायदे के लिए पूरे देश में दूध से उत्पाद बनाकर बिक्री करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में महिलाओं को दूध से उत्पाद बनाने की विधि का प्रशिक्षण देना शुरू किया है, ताकि महिलाएं खुद आत्मनिर्भर बन सके, क्योंकि इस समय बाजार में अधिकतर दुग्ध उत्पाद मिलावट के शिकार हो रहे हैं, जिससे बाजार से खरीदारी करते समय यह भय रहता है कि दुग्ध उत्पाद में कोई ऐसी मिलावट तो नहीं है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि हमें इस डर को खत्म करने के लिए अपने घर पर स्वच्छ एवं शुद्ध दुग्ध उत्पाद तैयार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान महिलाएं अपनी आय को बढ़ाने के लिए घर पर तैयार दुग्ध उत्पाद को बाजार मैं अच्छे मूल्य मैं बेचकर अपनी आय का स्रोत बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि दूध से बनने वाले उत्पाद जैसे पनीर, ड्रिंक, मटका कुल्फी, योगहर्ट, खोवा एवं छेना से बनने वाले उत्पाद आदि को वैज्ञानिक विधि से बनाना सिखाया गया। दुग्ध उत्पाद की सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया तथा दुग्ध उत्पाद की पैकेजिंग के बारे में बताया गया।उन्होंने बताया कि मसाला पनीर बनाने लिए सामग्री जैसे दूध हरी मिर्च जीरा पाउडर काला नमक अदरक आदि हैं। उन्होंने कहा कि इसके बनाने की विधि पहले दूध को ८० डिग्री सेल्सियस या पिने योग्य तापमान पर गर्म करे तथा 2 प्रतिशत सिट्रिक एसिड के घोल से फाड़ दे तथा 1 लीटर फटे हुए दूध में 10 हरी मिर्च एक अदरक का छोटा टुकड़ा एक चम्मच नमक आधा चम्मच जीरा पाउडर अच्छी तरह मिला लें, फिर उसे सूती कपड़े की सहायता से फिल्टर कर ठोस पदार्थ निकाल ले, ठोस पदार्थ को दो गुने वजन से 10 मिनट के लिए दबा दे फिर पनीर को 10 मिनट के लिए ठंडे पानी में डुबोए। इस पनीर को बाजार मे हम 400 रूपये प्रति किलो तक बिक्री हो सकता हैं।
उन्होंने कहा कि हम दूध से उत्पाद बनाने के बाद उससे निकलने वाले हैं उप-उत्पाद को बेकार समझ कर फेंक दिया जाता है, जिसमें लाभदायक सूक्ष्म तत्व विटामिंस भी होते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन उप उत्पाद को खाने योग्य बनाने के लिए उनमें अन्य सामग्री मिलाकर तैयार कर सकते हैं तथा बाजार में बिक्री कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्पाद जैसे व्हे ड्रिंक छाछ घी से निकलने वाला वेस्ट तथा स्किम मिल्क आदि है व्हे ड्रिंक बनाने के लिए पनीर से निकले हुए पानी को अच्छी तरह छानकर उसमें 10 से 15ः शुगर एवं 10ः अनानास का जूस एक चैथाई चम्मच साइट्रिक एसिड प्रति लीटर मिलाने के बाद अच्छी तरह बोतल में भरकर फ्रीज में रख देते हैं ठंडा होने के पश्चात इसका सेवन करते हैं।
मुकुल ने ग्रामीण महिलाओं को मुरब्बा अचार एवं जेली बनाने की तकनीकी ओ को विस्तार पूर्वक समझाया एवं इनमें प्रयोग होने वाली सामग्री के बारे में बताया। कृष्ण गोपाल ने महिलाओं को गवर्नमेंट के द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं एवं भविष्य में उनके फायदे के बारे में बताया। महिलाओं को एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट के लिए सरकार के द्वारा दी जाने वाली स्कीम के बारे में समझाया।
श्रीराम काॅलेज के निदेशक डॉ. अशोक कुमार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को समझाते हुए कहा कि सभी महिलाएं अपने घर एवं खेत पर बिजनेस कर सकती हैं जो पशुपालन से संबंधित है जैसे दूध से उत्पाद बनाना, वर्मी कंपोस्टिंग तथा बायोगैस आदि कर सकते हैं जिनसे हमारी आर्थिक आय में वृद्धि होगी। डा. प्रेरणा मित्तल ने सभी महिलाओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि श्री राम कॉलेज भविष्य में महिलाओं को इस तरह के प्रशिक्षण दिलाता रहेगा जो उनके लिए बहुमूल्य एवं आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम होंगे।
इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि हमें इस प्रकार के प्रशिक्षण की भविष्य में बहुत जरूरत है, क्योंकि दूध के मूल्य इच्छा अनुसार ना मिलने पर पशुओं की देखरेख और संख्या में काफी कमी आ रही है, जिसके कारण आय के स्रोत कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह के प्रशिक्षण किसान महिलाओं को दिए जाएं तो वह दूध के उत्पाद बाजार तक बिक्री के लिए पहुंचा सकते हैं।