श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर साहित्य मित्र ने कथा व्यास पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री को साहित्य मित्र सम्मान भेंट किया

शि.वा.ब्यूरो, शिलचर (असम)। श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर आज पत्रकारों, यजमानों, दानदाताओं एवं अन्य कार्यकर्ताओं को कथा व्यास पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री द्वारा उतरीय देकर सम्मानित किया गया उन्होंने राजस्थानी भजन कर्मा बाई को खिचङो झांकी के साथ सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया समापन समारोह में कथा वाचक पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री ने अपने बचपन का दर्दनाक वृतांत भी सुनाया उन्होंने श्रोताओं से क्षमा वंदना में अश्रुपूरित नेत्रों से कहा कि मुझे जमीन फ्लैट नगदी कुछ भी नहीं चाहिए, सिर्फ गौमाता के लिए आप लोग संकल्प करें कि एक साथ मिलकर हम गौमाता की सेवा करेंगे

कथा वाचक पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री ने आरती एवं अन्य पर्वों पर मिली राशि भी गौशाला में दान कर दी। पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री ने गौशाला के लिए एंबुलेंस भेंट करते हुए बताया कि देश के 28 राज्यों में ऐसा ही किया जायेगा। श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर भक्तों ने जमकर दान किया। सामाजिक साहित्यिक सांस्कृतिक एवं राष्ट्र भाषा प्रचारक संस्था साहित्य मित्र ने व्यास पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री को शाल ओढाकर तथा मानपत्र देकर साहित्य मित्र सम्मान भेंट किया। संस्था के अध्यक्ष मदन सिंघल ने श्रीमद्भागवत कथा से हिंदीतर क्षेत्र में हिंदी का प्रचार प्रसार करने के लिए अहम योगदान के लिए पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री को सम्मानित किया।

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