विलोम शब्द चालीसा

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

ज्ञानी अज्ञानी अरू, नर नारी दिन रात।
शब्द विरोधी जानिये, छोड़े वाद विवाद।।
उल्टा सीधा जल्दी देरा।
सस्ता महंगा सांझ सबेरा।।1
राजा परजा हरष विषादा।
सुखदुख घटबड़ पूराआधा।2
छोटा बड़ दुर्बल बलवाना ।
स्वामी दास भगत भगवाना।।3
सज्जन दुर्जन दुर्लभसुलभा
हंसना रोना ठंडा गरमा।4
पहला अंतिम संत असंता। 
तम उजियारा अंत अनंता15
पतला मोटा काला गोरा ।
कहना सुनना तोरा मोरा।6
मूरख विद्जन चंदा सूरज ।
नभ पाताला पश्चिम पूरब।।7
पाप पुण्य अरु ऊंचा नीचा ।
हानि लाभा सूखा गीला ।8
समविषमा अरु धूपा छाया।
मानव दानव खोया पाया।9
रूप कुरूपा जोड घटाना ।
दण्ड इनामा आना जाना।।10
दादा-दादी नानी नाना ।
जनम मरण निर्धन धनवाना।11
बेटा बेटी मित्तर बैरी । 
उपसर प्रत्यय तेरी मेरी।12
कठिनसरल अरु पाठकलेखक
यशअपयश औ स्वामीसेवक।13
गुरु चेला अरु साफा मेला।
भीतर बाहर भीड़ अकेला।।14
अमी हलाहल बालक बाला।
 मरना जीना कूंची ताला।।15
कुटिल सरल औ पयअंगारा
उपजउ बंजर वन बाजारा।16
सरगनरक अरु जगना सोना ।
शुभ अशुभा औ पाना खोना।।17
बंधन मुक्त बढ़िया घटिया ।
असली नकली कुत्ताकुतिया।18
मनुज दनुज औ हल्का भारी।
 सूमा दाता भूप भिखारी।19
शोषण पोषण श्वेता श्यामा।
उन्मुखविमुखा दायावामा।20
क्रय विक्रय औ साधविशेषा।
पूरण खाली चंद दिनेशा।21
पूत कपूत औ लघु विशाला, 
लेना देना मूक वचाला।22
जड़ चेतन अरु ज्वारा भाटा।
एडी चोटी लाभा घाटा।23
विधवा सधवा शरण अशरणा।
प्रेम घृणा अरु क्वारा परणा।24
विरत निरत अरु योगी भोगी
मिलनाविरही गृहस्थीजोगी।25
भद्र अभद्रा पूरब पश्चिम ।
विजय पराजय उत्तरदक्षिण। 26
कायर निर्भय अरु गुण दोषा।
संत असंता करुणा रोषा। 27
तेजी  मंदी  धीर  अधीरा ।
दुर्गम सुगमा कायर वीरा।28
जलचर थलचर सार असारा। 
सत्य असत्या याद विसारा।।29
सुरुचिअरुचि अरु गोराकाला।
उदयअस्त नखशिख नदनाला30
न्यूनअधिकअरु जान अजाना
गरल सुधा औ खोनापाना।31
गुपत प्रगट औ एक अनेका।
गद्य पद्य अरु देख अदेखा।32
निर्दय सदय अरु स्तुति निंदा
दण्डक्षमा औ मुक्ता फंदा।33
वृद्धा तरुणा तिमिर प्रकाशा ।
गुणअवगुण औ आश निराशा।34
कृष्णा शुक्ला अगलापिछला।
उत्तमअधमा चलऔअचला।35
आदि अंता अवनी अंबर।
 नाम अनामा गौरी शंकर।।36
प्रेमा घृणा औ फूला मुरझा।
संग कुसंगा सुलझा उलझा।37
अल्प दीर्घ आरोह अवरोहा।
सांचा झूठा सोरठ दोहा।।38
आय व्यय औ आदान प्रदाना
छल निश्छल अरु नया पुराना।39
उल्टे शब्दों को तुम जानो।
मातु पिता अरु गुरु को मानो।।40
विपरीत शब्दों में सदा,अर्थो का रख ध्यान।
हिन्दी को अपनाइये, कहते कवी मसान।।
23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश 

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