श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज में कार्यशाला आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज एवं जापानी कंपनी ‘ताईसेई साॅयल सिस्टम’ के संयुक्त सौजन्य से काॅलेज परिसर में चल रहे जल संशोधन संयंत्र का परीक्षण जापान से आये दो सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल द्वारा किया गया, जिन्होंने संयन्त्र के परीक्षण के साथ-साथ ‘रोल ऑफ टीएसएस (जैपनीज़ टैक्नोलाॅजी) इन वेस्ट वाटर मैनेजमेंट’’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया।

संस्था के चेयरमैन डाॅ0 एससी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज में संचालित परियोजना में काॅलेज परिसर के छात्रावास से जनित अपशिष्ट जल का शोधन निरंतर किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट कम लागत पर बिना किसी बिजली इंधन तथा विशेष खर्च के सुचारू रूप से संचालित है। संयंत्र की शोधन क्षमता 8000 लीटर प्रतिदिन है तथा जिसको सम्भवतः भविष्य में बढाये जाने की योजना है।
प्रोजेक्ट कार्डिनेटर एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने जानकारी देते हुये कहा कि इस संयंत्र का सुचारू रूप से संचालन काॅलेज व जनपद के लिये एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट जल को पुनः प्रयोग लाने के लिये इस संयत्र का बहुत बडा महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि अपशिष्ट जल से शुद्ध किये गये जल को सिचाई में पुनः प्रयोग किया जाता है। प्रतिनिधि मण्डल में ताईसेई के सीनियर एडवाइसर अकीरा मोरिता तथा ई-स्क्वायर के डायरेक्टर किनीची तामुरा तथा तारा कन्सलटैंसी के सौरभ मिश्रा सम्मिलित रहे।
इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग के निदेशक डाॅ0 आलोक गुप्ता, निशु भारद्वाज, सिविल इंजी., पंकज अग्रवाल, बिन्दल डुप्लेक्स लि0 के प्रबन्ध निदेक नीरज केडिया, चक्रधर कैमिकल्स प्रा0 लि0 के प्रबन्ध निदे कुपुरी, बीजेपी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के स्टेट कन्वीनर विपुल भटनागर, आईआईए मुजफ्फरनगर चैप्टर के चेयरमेन होतिलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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